स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से पहली बार स्वदेशी तोप से दी गई सलामी, जानिए इसकी खासियत

स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से पहली बार स्वदेशी तोप से दी गई सलामी, जानिए इसकी खासियत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से पहली बार स्वदेशी तोप से सलामी दी गई। उन्होंने लाल किले की प्रचार से राष्ट्र के नाम संबोधन में यह भी कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज का जन आंदोलन है जिसे सबको …

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से पहली बार स्वदेशी तोप से सलामी दी गई। उन्होंने लाल किले की प्रचार से राष्ट्र के नाम संबोधन में यह भी कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज का जन आंदोलन है जिसे सबको मिलकर आगे बढ़ाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आजादी के 75 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि लाल किले से सलामी के लिए देश में निर्मित तोप का इस्तेमाल किया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत, ये हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर एक इकाई का दायित्व बन जाता है। आत्मनिर्भर भारत, ये सरकारी एजेंडा या सरकारी कार्यक्रम नहीं है। ये समाज का जनआंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है।’’

इस बार बना रिकॉर्ड
स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है, पिछले 74 सालों से ब्रिटेन निर्मित तोपों का इस्तेमाल इस काम के लिए किया जाता था। इस बार देश में बनी ATAGS यानी Advanced Towed Artillery Gun System की सलामी की गूंज सुनाई दी।

क्या है खासियत
ये एक आधुनिक तोप है जिससे 155 एमएम वाले गोले दागे जा सकते हैं। इनकी रेज 48 किमी लंबी होती है और ये माइनस 30 से लेकर 75 डिग्री तापमान तक सटीक फायर कर सकते हैं। इसका निर्माण DRDO की पुणे स्थित लैब Armament Research and Development Establishment (ARDE) ने महिंद्रा डिफेंस नेवल सिस्टम, टाटा पॉवर स्ट्रैटेजिक, भारत फोर्ज लिमिटेड और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने मिलकर किया है।

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