रुद्रपुर: ई-श्रम कार्ड बनवाने में ऊधमसिंह नगर वाले सबसे आगे

रुद्रपुर: ई-श्रम कार्ड बनवाने में ऊधमसिंह नगर वाले सबसे आगे

रुद्रपुर, अमृत विचार। ई-श्रम कार्ड बनाने के मामले में ऊधमसिंह नगर वाले पूरे राज्य में सबसे आगे हैं। ऊधमसिंह नगर को पांच लाख 10 हजार ई-श्रम कार्ड बनाने का लक्ष्य दिया गया था और यहां के पांच लाख 66 हजार 436 कामगारों का श्रम कार्ड बनाया गया है। जबकि हरिद्वार पांच लाख 6432 के साथ …

रुद्रपुर, अमृत विचार। ई-श्रम कार्ड बनाने के मामले में ऊधमसिंह नगर वाले पूरे राज्य में सबसे आगे हैं। ऊधमसिंह नगर को पांच लाख 10 हजार ई-श्रम कार्ड बनाने का लक्ष्य दिया गया था और यहां के पांच लाख 66 हजार 436 कामगारों का श्रम कार्ड बनाया गया है। जबकि हरिद्वार पांच लाख 6432 के साथ दूसरे, देहरादून तीन लाख 92 हजार 421 तीसरे और नैनीताल दो लाख 74 हजार 720 कामगारों का रजिस्ट्रेशन कर चौथे स्थान पर है।

कोरोना काल के समय लॉकडाउन में सरकार के पास असंगठित क्षेत्र के कामगारों का कोई डाटा मौजूद नहीं था। इसकी वजह से केंद्र व राज्य सरकार महामारी के समय इन कामगारों को सीधे तौर पर कोई लाभ नहीं दे सकी। जिसकी वजह से लॉकडाउन के समय कामगारों को अत्यधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

केंद्र सरकार ने सोशल सिक्योरिटी एक्ट 2008 के तहत असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए ई-श्रम पोर्टल की शुरुआत अक्टूबर 2021 में की थी। सरकार कामगारों का ई-श्रम कार्ड बनाकर उनका डाटा बेस तैयार कर रही है। जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे तौर पर खाते में पैसा डालकर पहुंचाया जा सके। इसके तहत सरकार दुर्घटना बीमा, रुपये, राशन आदि का लाभ सीधे तौर पर दे सकेगी।

यह है पात्रता
रुद्रपुर। जिनका वेतन 15 हजार तक है और जो आयकर के दायरे में नहीं आते हैं व जिनका ईएसआई नहीं कटता है। वह सभी ई-श्रम कार्ड बनवाने के पात्र हैं।

ऐसे होता है पंजीकरण
रुद्रपुर। ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के साथ ही मोबाइल और कम्प्यूटर के माध्यम से स्वयं रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके बाद ई-श्रम कार्ड जारी किया जाता है। इससे श्रमिकों को दो लाख का दुर्घटना बीमा कवर मिलेगा।

कोरोना काल के समय सरकार के पास कामगारों का कोई डाटा उपलब्ध नहीं था, जिससे उन्हें उस समय सरकार कोई लाभ नहीं दे सकी। इससे भारत सरकार के पास कामगारों का एक डाटा बेस तैयार किया जा रहा है। जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे तौर पर असंगठित क्षेत्र के कामगारों को मिलने लगेगा।
— अरविंद सैनी,
सहायक श्रमायुक्त

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