International Yoga Day 2022 : योग व प्रबंधकीय साधना का समुच्चय हैं रितु नारंग

International Yoga Day 2022 : योग व प्रबंधकीय साधना का समुच्चय हैं रितु नारंग

मुरादाबाद,अमृत विचार। मुस्कुराहट से लबरेज मन, मुंह पर विनम्रता के भाव और मीठी बोली जो बरबस हर बात सुनने को मजबूर कर दे। साधना के इस किरदार का नाम है रितु नारंग और पहचान है योग शिक्षक की। बात जब योग की शुरू हो तो भला कौन न इनकी चर्चा करे। योग, ध्यान और प्रबंधन …

मुरादाबाद,अमृत विचार। मुस्कुराहट से लबरेज मन, मुंह पर विनम्रता के भाव और मीठी बोली जो बरबस हर बात सुनने को मजबूर कर दे। साधना के इस किरदार का नाम है रितु नारंग और पहचान है योग शिक्षक की। बात जब योग की शुरू हो तो भला कौन न इनकी चर्चा करे। योग, ध्यान और प्रबंधन इनकी साधना का समुच्चय है।

योग गुरु श्री श्री रविशंकर से दीक्षा ग्रहण करने वाली रितु नारंग योग की आइकॉन हैं। आठवें विश्व योग दिवस पर अमृत विचार ने रितु नारंग से योग को लेकर विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से बात की। प्रयागराज में पैदा, पली-बढ़ी और मुरादाबाद की बहू बनी रीतु के आरंभिक जीवन में योग ने दस्तक दे दी। इनके पिता कस्तूरी लाल चावला इलाहाबाद (प्रयागराज) के प्रसिद्ध योग प्रशिक्षक थे। उन्हें योग ट्रेनर और ओरेटर के रूप में जाना जाता था। इसीलिए तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उन्हें सम्मान दिया था।

रितु ने 2009 में आर्ट ऑफ लिविंग के कोर्स में लिया था दाखिला
2009 में रितु ने बंगलुरु जाकर आर्ट ऑफ लिविंग के कोर्स में दाखिला लिया। श्री-श्री रविशंकर के सानिध्य में एक-एक माह की तीन बार ट्रेनिंग ली। 2011 से सक्रिय योग प्रशिक्षक के रूप में सेवा दे रही हैं। 2012 से लोगों को योग ध्यान और सेल्फ मैनेजमेंट की दीक्षा देने दे रही हैं। 2019 से यहां पुलिस अकादमी, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, पुलिस प्रशिक्षण स्कूल, पुलिस लाइन, पीएसी सहित चिकित्सक, व्यापारी, युवा, सामाजिक संगठन, एनसीसी, कोचिंग सेंटर सहित विविध वर्ग के लोगों को योग का प्रशिक्षण देना शुरू किया है।

पुलिस सेवा के 50,000 लोगों को प्रशिक्षण देने का रिकार्ड
50,000 पुलिस सेवा के लोगों को प्रशिक्षण का रिकार्ड भी उनके नाम हैं। पुलिस अकादमी में इन दिनों फायर सर्विस और अन्य रिक्रूट (जवान) सूर्य नमस्कार का कोर्स कर रहे हैं। नारंग कहती हैं कि योग व्यवस्थित जीवन का आधार है। कहती हैं कि योग से मन को शांति मिलती है। शांति से आदमी अपने कार्यक्रम के प्रति समर्पित बनता है। इससे व्यक्ति में शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक संतुष्टि मिलती है। योग, ध्यान और प्रबंधन जीवन की सफलता के सूत्र हैं।

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