एक दानवीर ऐसा भी: अपना लिवर दान कर ‘दीपक’ ने ना बुझने दिया पड़ोसी के घर का ‘कुलदीप’

एक दानवीर ऐसा भी: अपना लिवर दान कर ‘दीपक’ ने ना बुझने दिया पड़ोसी के घर का ‘कुलदीप’

प्रतापगढ़। जिंदगी के सफर को खुशनुमा कीजिए, दौलत से नहीं खरीदी जा सकती खुशी, इसके लिए निस्वार्थ सेवा भाव का धन जमा कीजिए। इन पंक्तियों को साकार करते हुए बेनीपुर मधुकरपुर निवासी दीपक पांडेय उर्फ नागू ने मानवता की मिसाल पेश की। यूपी के प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले दीपक पांडेय ने मुंबई में अपना …

प्रतापगढ़। जिंदगी के सफर को खुशनुमा कीजिए, दौलत से नहीं खरीदी जा सकती खुशी, इसके लिए निस्वार्थ सेवा भाव का धन जमा कीजिए। इन पंक्तियों को साकार करते हुए बेनीपुर मधुकरपुर निवासी दीपक पांडेय उर्फ नागू ने मानवता की मिसाल पेश की।

यूपी के प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले दीपक पांडेय ने मुंबई में अपना लिवर दान करके पड़ोसी की जान बचा ली। लिवर ट्रांसप्लांट के बाद दीपक का पड़ोसी बेड रेस्ट पर है।

दीपक के पड़ोसी कुलदीप पांडेय (37) हैं। कुलदीप प्रतापगढ़ के लालंगज के बेनीपुर मधुकरपुर गांव के रहने वाले हैं और मुंबई में रहकर कोचिंग सेंटर चलाते हैं। कुलदीप लंबे समय से लिवर की समस्या से जूझ रहे थे। उन्होंने मुंबई के कई अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन फायदा नहीं हुआ। टेस्ट हुआ तो लिवर डैमेज मिला।

डॉक्टर ने लिवर ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी। घर वाले कुलदीप की जान बचाने के लिए लिवर दान करने वाले की तलाश करने लगे। परिवार और रिश्तेदारों से उन्हें निराशा हाथ लगी।​

कुलदीप पांडेय (फाइल फोटो)
कुलदीप पांडेय (फाइल फोटो)

कुलदीप की बीमारी की बात प्रतापगढ़ में उनके गांव तक पहुंची। गांव में कुलदीप का लिवर खराब होने की चर्चा होने लगी। गांव में कुलदीप के पड़ोसी व रानीगंज कैथोला में पान की दुकान चलाने वाले गिरिजा शंकर पांडेय को भी कुलदीप की बीमारी का पता चला, लेकिन वो भी चुप्पी साध गए।

इसके बाद गिरिजा शंकर पांडेय के बेटे दीपक पांडेय उर्फ नागू ने कुलदीप के बारे में सुना तो लिवर ट्रांसप्लांट करने का मन बनाया। कुलदीप के परिवार से वीडियो कॉल पर बात की। उसके बाद पिता से कुलदीप को लिवर डोनेट करने के फैसले के बारे में बताया। गिरिजा शंकर अपने 26 साल के बेटे के इस फैसले पर गुस्सा हुए और बातचीत भी बंद कर दी। लेकिन दीपक अपने फैसले पर अड़ा रहा। कुछ दिन बाद बात बन गई और उसके बाद मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल व ट्रांसप्लांट सेंटर में कुलदीप व दीपक दोनों के साथ गिरिजा शंकर भी गए।

दीपक पांडेय (फाइल फोटो)
दीपक पांडेय (फाइल फोटो)

फिर 26 वर्ष के दीपक पांडेय ने जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे अपने पड़ोसी कुलदीप पांडेय को अपने लिवर का एक हिस्सा दान कर दिया। अब कुलदीप की जिंदगी पर खतरा टल जाएगा। उनके परिवार के लोग दीपक के आभारी हैं। दीपक के लिवर डोनेशन के सहमति पत्र पर बाकायदा हस्ताक्षर किये। 27 जुलाई को डॉक्टर ने दीपक का आधा लिवर कुलदीप को ट्रांसप्लांट किया। उसके बाद फिट होने पर दोनों को डिस्चार्ज कर दिया गया।

ये भी पढ़ें : Salute: देश की ये 5 जांबाज महिला सैनिक हैं बेहद खासमखास, इन्होंने रच दिया इतिहास