उल्लेखनीय प्रगति

आजादी के 75 सालों में भारत दुनिया की एक बड़ी आर्थिक ताकत बनकर उभरा है। प्रति वर्ष जारी किए जाने वाले अलग-अलग क्षेत्रों से संबंधित सूचकांकों को देखें तो भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2022 रैंकिंग में भारत की स्थिति में सुधार आया है। भारत इस साल 40 वें स्थान पर …

आजादी के 75 सालों में भारत दुनिया की एक बड़ी आर्थिक ताकत बनकर उभरा है। प्रति वर्ष जारी किए जाने वाले अलग-अलग क्षेत्रों से संबंधित सूचकांकों को देखें तो भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2022 रैंकिंग में भारत की स्थिति में सुधार आया है।

भारत इस साल 40 वें स्थान पर रहा। 2021 में भारत 46वें स्थान पर था जबकि 2015 में इसकी रैंकिंग 81वीं थी। यह सुधार स्टार्टअप के लिए अनुकूल माहौल बनाने सरकारी व निजी संगठनों की ओर से शोध पर जोर दिए जाने से आया है। केंद्र सरकार की ओर से स्टार्टअप को लगातार सहयोग दिया जा रहा है जिसके चलते देश में यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

ग्लोबल यूनिकॉर्न इंडेक्स में भारत की रैंक बहुत सराहनीय है। तमाम विकसित देशों को पीछे छोड़ते हुए भारत अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की रिपोर्ट में वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) में स्विटजरलैंड पहले स्थान पर है। इसके बाद अमेरिका, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम, नीदरलैंड, कोरिया, सिंगापुर, जर्मनी, फिनलैंड, डेनमार्क, चाइन, फ्रांस और जापान का नंबर आता है।

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स विश्व के महत्वपूर्ण देशों की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक घटनाओं पर कड़ी नजर रखकर तैयार की जाती है। इसके लिए विश्व बैंक, यूनिसेफ, वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन जैसी 30 महत्वपूर्ण संस्थाओं की रिपोर्ट-आंकड़े के विश्लेषण के आधार पर 82 मानकों पर तय की जाती है। प्रति वर्ष की जाने वाली यह रैंकिंग विश्व के विभिन्न देशों में नवाचार की क्षमता को इंगित करती है।

वैश्विक नवाचार सूचकांक का उपयोग आमतौर पर कारपोरेट और सरकारी अधिकारियों द्वारा नवाचार के स्तर द्वारा देशों की तुलना करने के लिए किया जाता है। इस रिपोर्ट से दुनियाभर के देशों की सरकारों को अपने यहां नवाचार बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसका मूल उद्देश्य नए विचारों और तकनीकों को सामाजिक व आर्थिक चुनौतियों एवं बदलावों में शामिल करना है। पिछले कुछ वर्षों में इस इंडेक्स ने सरकारों के लिए पालिसी टूल की भूमिका निभाई है।

विश्व प्रतिस्पर्धा सूचकांक में भारत की 37वीं रैंक  है। 2022 में एशियाई देशों में भारत अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले में सबसे तेज वृद्धि दर्ज करने वाला देश रहा। भारत के प्रदर्शन में बड़े सुधार का कारण आर्थिक क्षेत्र में वृद्धि है। निश्चित रुप से कई क्षेत्रों में भारत विकसित देशों से मुकाबला कर रहा है। वैश्विक सूचकांकों में भारत की रैंक ने कई मामलों में विकसित देशों को भी पीछे छोड़ा है। फिर भी कई क्षेत्रों में हमें आगे आने की जरूरत है।