रंग लाई पहल, 1700 क्विंटल भूसा मिला दान, उच्चाधिकारी प्रतिदिन कर रहे मॉनीटरिंग

रंग लाई पहल, 1700 क्विंटल भूसा मिला दान, उच्चाधिकारी प्रतिदिन कर रहे मॉनीटरिंग

अमृत विचार, बरेली। बेसहारा गोवंशों के संरक्षण के लिए संचालित गोशालाओं में भूसा कम न पड़े, इसके लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। अब ग्राम पंचायतों से भूसा एकत्रित किया जा रहा है। अब तक लोगों ने 1700 क्विंटल भूसा दान किया है। इस कार्य में एडीओ पंचायत, पंचायत सचिव, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी लगे …

अमृत विचार, बरेली। बेसहारा गोवंशों के संरक्षण के लिए संचालित गोशालाओं में भूसा कम न पड़े, इसके लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। अब ग्राम पंचायतों से भूसा एकत्रित किया जा रहा है। अब तक लोगों ने 1700 क्विंटल भूसा दान किया है। इस कार्य में एडीओ पंचायत, पंचायत सचिव, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी लगे हुए हैं। प्रतिदिन होने वाले भूसा कलेक्शन की मॉनीटरिंग भी की जा रही है।

पशुपालन विभाग अब निराश्रित पशुओं के लिए किसानों, ग्राम प्रधानों एवं नागरिकों से भूसा देने के लिए अपील कर रहे हैं। शहरी क्षेत्र में भूसा 10 से 12 रुपये प्रति किलोग्राम और ग्रामीण क्षेत्र में 8 से 9 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। अप्रैल के मध्य में शहर में 8 से 9 रुपये प्रति किलोग्राम और ग्रामीण क्षेत्र में 5 रुपये प्रति किलोग्राम था।

निराश्रित गोवंश के लिए कान्हा उपवन, वृहद निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्र एवं अस्थाई गो संरक्षण केंद्रों में भूसा संग्रह पर ध्यान नहीं दिया गया। जबकि सभी तहसीलों में निराश्रित पशुओं के भूसा रखने के लिए भी व्यवस्था भी है। अब दान के रूप में भूसा मांगा जा रहा है। भूसा दान करने वालों का रिकॉर्ड रखा जाएगा। भूसा जुटाने की कवायद तेजी से चल रही है।

रोज शाम 5 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए निर्देश दिए जा रहे हैं। एडीओ पंचायत, पंचायत सचिव, ग्राम विकास अधिकारी के अलावा आला अफसर भी दान का भूसा लेने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। उधर, कर्मचारी किसान और प्रतिष्ठित लोगों को जागरूक कर रहे हैं। निराश्रित गोवंशों को भूसा देने के लिए लोग आगे आ रहे हैं।

शिविर लगाकर किया जा रहा जागरूक
भूसा दान देने वालों की संख्या में इजाफा किये जाने के लिए जिम्मेदार अफसरों की ओर से शिविर भी लगाए जा रहे हैं। ग्राम प्रधान अपने-अपने क्षेत्र में किसानों को निराश्रित गोवंशों के लिए भूसा दान करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और स्वयं इस पहल में सबसे आगे आ रहे हैं।

गंगाराम, डीसी मनरेगा-
भूसा दान करने वालों का विवरण दर्ज कर सूची बनायी जाएगी। हमारी कोशिश है कि गो आश्रय स्थल की गायों के लिए लोग भूसा दान करने को आगे आएं। जिससे इन गायों के लिए चारा की समस्या न हो। इस पहल में कई स्वयं सहायता समूह के अलावा किसान और ग्राम प्रधान आगे आ रहे हैं। 

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