रामपुर: रामगंगा में जहरीला केमिकल छोड़ रहा रेडिको खेतान का नाला

रामपुर: रामगंगा में जहरीला केमिकल छोड़ रहा रेडिको खेतान का नाला

रामपुर, अमृत विचार। करोड़ों रुपये का टैक्स सरकार को देने वाली रेडिको खेतान शराब फैक्ट्री शहर और आसपास के लोगों के लिए धीमा जहर बांट रही है। फैक्ट्री से निकलने वाला जहरीला पानी नाले के रूप में मदारपुर के पास रामगंगा नदी में गिराया जा रहा है। इससे केंद्र सरकार के नमामि गंगे सफाई अभियान …

रामपुर, अमृत विचार। करोड़ों रुपये का टैक्स सरकार को देने वाली रेडिको खेतान शराब फैक्ट्री शहर और आसपास के लोगों के लिए धीमा जहर बांट रही है। फैक्ट्री से निकलने वाला जहरीला पानी नाले के रूप में मदारपुर के पास रामगंगा नदी में गिराया जा रहा है। इससे केंद्र सरकार के नमामि गंगे सफाई अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। वहीं फैक्ट्री के जहरीले पानी से लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी इस नाले से साफ और स्वच्छ पानी गिरने के दावे कर रहे हैं। वहीं जिला प्रशासन के अधिकारी भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

रामपुर डिस्टलरी एंड केमिकल कंपनी लिमिटेड के रूप में इस शराब फैक्ट्री की शुरूआत 1943 में हुई थी। खेतान ग्रुप ने 1972 में विष्णु हरि डालमिया से घाटे में चल रही इस फैक्ट्री को खरीदा था। फिलहाल यह कंपनी ललित खेतान के हिस्से में है। डिस्टलरी की स्थापना के समय यहां आबादी नहीं थी। रामपुर शहर भी बहुत दूर था। अब यह फैक्ट्री आबादी के बीच आ चुकी है और आसपास के लोगों के लिए प्रदूषण और घातक केमिकल निकालने के धीमा जहर फैंकने वाली होती जा रही है।

हालत यह है कि फैक्ट्री से निकलने वाले दो नाले में केमिकल का जहरीला पानी छोड़ा जा रहा है। यह नाला अजीतपुर और कई गांवों में होते हुए मदारपुर में जाकर कोसी और रामगंगा नदी में सीधे गिरता है। नाले से किसानों की फसलें प्रभावित हो रही हैं। पशुओं की मौत इस जहरीले पानी के पीने से होती रहती हैं। वहीं केंद्र सरकार के नमामि गंगे अभियान के लिए भी फैक्ट्री से निकला जहरीला पानी जनजीवन के लिए घातक साबित हो रहा है। केमिकल के पानी की वजह से बिजली के खंभे गलकर गिर चुके हैं। बिजली निगम के अफसर इस पर आपत्ति जता चुके हैं।

वहीं लोगों के घरों में लगे लोहे के दरवाजे और एंगल भी गलकर नष्ट हो रहे हैं। वहीं फैक्ट्री के धुएं से निकलने वाली दुर्गंध से शहर के लोगों को तमाम बीमारियां दमा, खांसी और सांस की समस्याएं पैदा हो रही हैं। लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन ने अभी तो कोई ऐसे आधुनिक उपकरण नहीं लगाएं हैं जिससे पानी में जहरीला केमिकल जाने से रुके और दुर्गंध न फैले। फैक्ट्री अपना लगातार विस्तार आबादी वाले इलाके में करती जा रही है, लेकिन प्रदेश और केंद्र सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। प्रबंधन प्रशासन के अधिकारियों को भी हमेशा खुश रखने के लिए तमाम प्रयास करता रहता है।

दस करोड़ की लागत का इंसीनरेशन प्लांट बचा सकता है प्रदूषण से
रेडिको खेतान के पास प्रदूषण से बचाने और घातक केमिकल को पानी के जरिए बाहर जाने से रोकने के लिए आधुनिक उपकरण नहीं हैं। इसकी वजह से दिक्कतें आ रही हैं। बताया जा रहा है कि आधुनिक तकनीक का इंसीनरेशन (भस्मीकरण) प्लांट जिसे स्थापित करने की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये है की जरूरत फैक्ट्री को है। यह प्लांट एक रासायनिक अभिक्रिया है जिसमें किसी सामग्री, विशेषकर कार्बनिक रसायन वाली सामग्री को जलाया जाता है और उसके बड़े भाग को राख व धुएं में परिवर्तित किया जाता है।

यह अपशिष्ट प्रबंधन में बहुत उपयोगी है। लेकिन तमाम विस्तार करने के बाद भी फैक्ट्री ने इसे नहीं लगाया है। आबादी वाले इलाके में फैक्ट्री होने के कारण लोगों की समस्याएं अधिक हैं। आसपास के लोगों का कहना है कि घातक गैसों के प्रभाव से उनके इलेक्ट्रानिक उपकरण भी खराब हो रहे हैं। शिकायत करने पर कोई अधिकारी ध्यान नहीं देता है।

गंगा की मुख्य सहायक नदी है रामगंगा
गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए केंद्र सरकार अरबों रुपये खर्च कर रही है। लेकिन रामपुर में रामगंगा को डिस्टलरी के दूषित व जहरीले रसायन वाले पानी के छोड़े जाने से जहरीला बनाया जा रहा है। नमामि गंगे अभियान चलने के बाद भी रेडिको खेतान के गंदे नाले को रामगंगा में डालने से रोकने के लिए आज तक कोई योजना नहीं बनाई जा सकी है। तमाम गांवों के लोग किसान भी इस नाले का विरोध कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन के अधिकारी इनको कार्रवाई करने की धमकी देकर मुंह बंद कर देते हैं।

प्रदूषण बोर्ड के अफसर बोले- जांच कराएंगे
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक प्रदूषित पानी निकासी की कोई शिकायत नहीं आई है। अगर कहीं दिक्कत आ रही है तो जल्द ही टीम गठित करके जांच कराई जाएगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी जेएन तिवारी ने बताया कि मौके पर जाकर देखा जाएगा। पानी के सेंपल जांचे जाएंगे।

जिम्मेदार बोले
रेडिको खेतान से जो भी पानी निकाला जाता है, वह ट्रीट होकर जाता है। किसी गांव या किसान को कोई दिक्कत है तो उसका समाधान कराने की कोशिश की जाएगी। – देवेंद्र सिंह, महाप्रबंधक उत्पादन, रेडिको खेतान लिमिटेड।

सभी फैक्ट्रियों से दूषित पानी निकलता है। लेकिन वह मानक के अनुसार ही ट्रीट करके बाहर फेंका जाता है। इससे कोई नुकसान नहीं होता है। उसका रंग जरूर काला होता है, लेकिन घातक नहीं होता। अगर कहीं रेडिको खेतान के पानी से दिक्कत है तो इसकी जांच के लिए टीम गठित करके प्रयोगशाला में परीक्षण कराएंगे साथ ही मौके पर भी जांच की जाएगी। – विकास मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मुरादाबाद

प्रदूषण और गैस के प्रभाव से हम लोग परेशान हैं, कोई अधिकारी नहीं सुनता है। फैक्ट्री मैनेजरों ने अधिकारियों को भी खुश कर रखा है। प्रदूषण रोका जाए। जीवन सिंह, पनवड़िया।

प्रदूषण के कारण कभी कभी तो दुकान पर बैठना मुश्किल हो जाता है। कई बार शिकायत की कुछ नहीं हुआ। दुकानों के सामने डिस्टलरी का नाला का निर्माण भी किया जा रहा है। -जितेंद्र सैनी, पनवड़िया।

फैक्ट्री के प्रदूषण से इलेक्ट्रानिक उपकरण लैपटाप मोबाइल और टीवी तक खराब हो जाते हैं। बदबू से बैठा नहीं जाता है। हमारी शिकायत को कोई सुनने वाला ही नहीं है। -निर्मला सैनी, पनवड़िया

फैक्ट्री की दुर्गंध से दुकान पर बैठना मुश्किल हो जाता है। कभी कभी तो दुकान बंद करके भागना पड़ता है। बरसात के दिनों में भी दिक्कत होती है। हमारी कोई सुनवाई नहीं होती। -बॉबी, पनवड़िया।

ताजा समाचार

अखिलेश को हराने का मजा अब आएगा..., कन्नौज से सपा प्रमुख के नामांकन पर बोले केशव मौर्य
राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा- ईरान और श्रीलंका के बीच बेहतर संबंधों से हिंद महासागर क्षेत्र को होगा फायदा
कासगंज: आईपीएल मैच में लगा रहे थे सट्टा, आधा दर्जन गिरफ्तार
Kanpur Dehat: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बोले- 'कांग्रेस-सपा के बारे में लोग पूछेंगे तो जवाब मिलेगा कौन सी पार्टी'
T20 World Cup : राहुल बनाम संजू, आवेश बनाम बिश्नोई या अक्षर...हार्दिक पांड्या का फॉर्म चिंता का सबब
Loksabha  election 2024: भाजपा और कांग्रेस से आगे निकली BSP, रायबरेली में इन्हें दिया टिकट-दो और प्रत्याशियों के नाम जारी