रामपुर: नारा-ए-तकबीर, नारा-ए-रिसालत से गूंजी फिजा

रामपुर: नारा-ए-तकबीर, नारा-ए-रिसालत से गूंजी फिजा

रामपुर, अमृत विचार। ईद-ए-मिलादुन्नबी पर किला मैदान से हामिद गेट होते हुए मंगलवार की पूर्वाह्न 11:10 बजे जुलूस-ए-मोहम्मदी आस्ताना-ए-आलिया जमालिया के सज्जादानशीं शाह फहद अहमद जमाली की कयादत में निकला। जुलूस में लग रहे नारा-ए-तकबीर अल्लाह हो अकबर और नारा-ए-रिसालत या रसूल अल्लाह के नारों से फिजा गूंज उठी। नात ख्वानों ने नात-ए-पक पेश कर …

रामपुर, अमृत विचार। ईद-ए-मिलादुन्नबी पर किला मैदान से हामिद गेट होते हुए मंगलवार की पूर्वाह्न 11:10 बजे जुलूस-ए-मोहम्मदी आस्ताना-ए-आलिया जमालिया के सज्जादानशीं शाह फहद अहमद जमाली की कयादत में निकला। जुलूस में लग रहे नारा-ए-तकबीर अल्लाह हो अकबर और नारा-ए-रिसालत या रसूल अल्लाह के नारों से फिजा गूंज उठी। नात ख्वानों ने नात-ए-पक पेश कर समां बांध दिया। जुलूस में भारी तादाद में पुलिस बल तैनात रहा।

मंगलवार की सुबह से आशिकाने रसूल किला मैदान में एकत्र हुए। करीब 11 बजे किला मैदान से नारा-ए-तकबीर अल्लाह हो अकबर, नारा-ए-रिसालत या रसूल अल्लाह, लाइलाहा इल्लल्लाह-लाइलाहा इल्लल्लाह के नारों के बीच जुलूस आगे बढ़ा। अतहर जमाली और आरिफ जमाली ने यह नात पाक पेश की-मीलादे पाक की महफिल सजाए बैठे हैं-हुजूर आएंगे पलके बिछाए बैठे हैं। हमें यकीन है आका जरूर आएंगे-इसी उम्मीद पे घर को सजाए बैठे हैं। इसके बाद जुलूस हामिद गेट होते हुए जच्चा-बच्चा सेंटर, सर्राफा बाजार होते हुए जामा मस्जिद पहुंचा।

जामा मस्जिद के सामने उलेमा ने तकरीर की। जामा मस्जिद के सामने मौलाना फुरकानिया ने कहा कि पैंगबरे इस्लाम तशरीफ ला रहे हैं मुसलमान उनका इस्तकबाल करें। कहा कि पैगंबरे इस्लाम किसी का दिल तोड़ने के लिए नहीं बल्कि दिलों को जोड़ने के लिए तशरीफ ला रहे हैं। कहा की आका को हलीमा ने नहीं बल्कि हुजूर ने हलीमा को पाला है। जुलूस के आगे बच्चे बड़े सब्ज परचम लेकर चल रहे थे उनके पीछे एक ठेली पर लोबान का धूना चल रहा था।

जुलूस की कयादत आस्ताना-ए-आलिया के सज्जादानशीं शाह फहद अहमद जमाली कर रहे थे। जुलूस के आगे-आगे शाहिद अली खां जमाली नारा-ए-तकबीर अल्लाह हो अकबर, नारा-ए-रिसालत या रसूल अल्लाह और लाइलाहा इल्लल्लाह-लाइलाहा इल्लल्लाह के नारे लगाते चल रहे थे। सज्जादानशीं शाह फहद अहमद खां जमाली के पीछे-पीछे नौजवान तिरंगा थामे चल रहे थे। उनके पीछे वाहनों पर सवार युवक और बच्चे नारा-ए-तकबीर अल्लाह हो अकबर और नारा-ए-रिसालत या रसूल अल्लाह के नारे लगा रहे थे। उनके पीछे कई अंजुमने नात शरीफ पढ़ती चल रही थीं।

जुलूस के आगे-आगे सिटी मजिस्ट्रेट हेम सिंह और क्षेत्राधिकारी नगर श्रीकांत प्रजापति समेत भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात था। जुलूस का एक छोर किला पूर्वी गेट पर और दूसरा छोर किला पश्चिमी गेट पर था। इसके अलावा देर से आने वाली अंजुमनों को किला पूर्वी गेट से किला पश्चिमी गेट की ओर पास कराया गया। जुलूस में शामिल वाहनों में लगे डीजे पर नात शरीफ बज रही थीं जिसमें आशकाने रसूल पूरी तरह रमे हुए थे। जगह-जगह लोगों में लंगर तकसीम किया जा रहा था।

वाहनों से ऐलान किया जा रहा था कि रसूले अकरम के नाम पर तकसीम किए जा रहे तबर्रुक को उछालकर तबर्रुक की बेहुरमती नहीं करें। जुलूस किला पश्चिमी गेट, जच्चा बच्चा सेंटर, सर्राफा बाजार, जामा मस्जिद, बर्तन बाजार, पान दरीबा, गुइया तालाब, चौकी रज्जड़, चौकी पाकड़ होते हुए आस्ताना-ए-आलिया जमालिया पहुंचा।

आस्ताना-ए-आलिया जमालिया पहुंचने पर आशिकाने रसूल ने जोहर की नमाज अदा की। जुलूस में आस्ताना-ए-आलिया जमालिया के सज्जादानशीं शाह फहद अहमद जमाली, शाहिद अली खां जमाली, आमिर जमाली, मोमिन मियां जमाली, अहद जमाली, अब्दुल रऊफ जमाली, जावेद जमाली, हाजी वजीर मोहम्मद जमाली, अकदस जमाली, मोईद जमाली, काजी ए शरआ मुफ्ती फैजान रजा, मुफ्ती नजफ अली, मुफ्ती अली अहमद, मौलाना वली मोहम्मद, मुफ्ती नक्शे अली, मौलाना अरशद, मौलाना नाजिल और सैयद मोहम्मद अली जैदी समेत काफी तादाद में आशिकाने रसूल शामिल रहे।