रामपुर : शोहरत पाने को युवक ने खेला धमकी भरे पत्रों का खेल, गिरफ्तार

रामपुर : शोहरत पाने को युवक ने खेला धमकी भरे पत्रों का खेल, गिरफ्तार

रामपुर,अमृत विचार।अनवा गांव में चर्चित आईएसआईएस के नाम से धमकी भरी चिट्ठी प्रकरण में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने वादी भानु प्रताप के बेटे अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया है। उसने देशभर में प्रसिद्ध होने के लिए आईएसआईएस के नाम से अपने ही घर में चिट्ठी डाली थीं। साथ ही पैन …

रामपुर,अमृत विचार।अनवा गांव में चर्चित आईएसआईएस के नाम से धमकी भरी चिट्ठी प्रकरण में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने वादी भानु प्रताप के बेटे अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया है। उसने देशभर में प्रसिद्ध होने के लिए आईएसआईएस के नाम से अपने ही घर में चिट्ठी डाली थीं। साथ ही पैन ड्राइव और नक्शे देने की बात कही थी। गुमनाम चिट्ठियों में आईएसआई का नाम होने के चलते गांव के लोग दहशत में रह रहे थे। आरोपी के पकड़े जाने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली है। जिन परिवारों को कत्ल की धमकी दी गई थी, उनके खुद के बेटे ने सरकार के दिलो-दिमाग पर छाने के लिए यह हरकत की थी। पुलिस के मुताबिक उसका मकसद यूपीएससी की परीक्षा में सीधे एंट्री करने का था। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार करने के बाद घटना से पर्दाफाश कर दिया है।

तहसील क्षेत्र के अनवा गांव में 21 जुलाई को गुमनाम चिट्ठियां मिलने का सिलसिला शुरू हुआ था। कुलदीप ठाकुर के दरवाजे पर चार चिट्ठियां मिली थीं। कुलदीप के अलावा तीन चिट्ठियों पर उसके दो चाचा वीर सिंह, भानुप्रताप और ब्राह्मण महिला गीता देवी के नाम से की थीं। इन पत्रों में देश की सुरक्षा से जुड़ी पेन ड्राइव और नक्शे मांगे गए थे। धमकी दी गई थी ये चीजें नहीं दी गईं, तो चारों परिवारों को बेदर्दी से मौत के घाट उतारने के साथ ही पूरे गांव को सीरीन गैस से उड़ा दिया जाएगा।

देश की सुरक्षा और सुरक्षा एजेंसियों के जिक्र वाले पत्रों से पुलिस और प्रशासन में भी हड़कंप मचा हुआ था। एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही थी। पत्र में दस अगस्त तक की मोहलत दी गई थी, लेकिन दस अगस्त की पूर्व रात्रि एक और चिट्ठी भानुप्रताप के दरवाजे पर मिल गई। इतना ही नहीं, उसके वाटर टैंक और चारपाई के आसपास भी छेड़छाड़ की गई थी। वाटर टैंक में केमिकल और चारपाई के चारों ओर ज्वलनशील पदार्थ डाल दिया गया। भानुप्रताप ने दावा किया कि जाग होने पर उसने आरोपी को भागते हुए भी देखा। इस घटना के बाद पुलिस ने कई पहलू जांच में शामिल किए तो कड़ी से कड़ी जुड़ती चली गई। पुलिस ने भानुप्रताप के बेटे को अभिषेक को हिरासत में ले लिया और पूछताछ के बाद शुक्रवार को गुमनाम चिट्ठी प्रकरण का खुलासा कर दिया।

खुलासे के दौरान पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने बताया कि घटनास्थल जो सामान मिला था उसने उसको खरीदने का सत्यापन किया। इस खुलासे के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। इस घटना के बाद से अनवा गांव में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया था। ताकि किसी प्रकार की गतिविधि पर विशेष ध्यान रखा जाए। अधिकारी भी लगातार क्षेत्र में गश्त कर रहे थे।

एसपी अशोक कुमार शुक्ला कहा कहना है कि खत की हैंड राइटिंग अभिषेक की राइटिंग से मिलती हुई है। साथ ही दूसरी बार चिट्ठी डालते समय कल्लू मौर्य का एक फोटो इसने वहां छोड़ दिया था। वह फोटो उसकी फेसबुक से अभिषेक ने ही एक्सेस किया था, अपने मोबाइल नंबर से यह भी एक प्रमाण है। साथ ही इसकी गूगल की सर्च हिस्ट्री भी यही बताती है कि इसी ने इस कारनामे को अंजाम दिया है। इसके खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई की जा रही है।

घटना का खुलासा होने के बाद गांव के लोगों के होश उड़ गए
शुक्रवार को शाहबाद पुलिस ने धमकी भर पत्र के मामले में जब अभिषेक को पुलिस ने गिरफ्तार किया,तो सब के होश उड़ गए। गांव के लोगों को इस युवक के बारे में जरा भी अनदेशा नहीं था, कि भानुप्रताप का बेटा गांव के लोगों को डराने के लिए ऐसा किया था,तो ग्रामीणों के होश उड़ गए।

आरोपी की हैंड राइटिंग के मिलान ने खोल दिया रहस्य
बुधवार की चिट्ठी ने पुलिस के कान खड़े कर दिए। इक्कीस जुलाई से ही पुलिस सख्त पहरे पर थी। पुलिस को पल-पल हर गतिविधि पर नजर जमाए रखने के अधिकारियों के निर्देश थे। पुलिस के सख्त पहरे में खत पहुंचने ने वहां तैनात पुलिसकर्मियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सख्त पहरे में किसी का वहां आना मुमकिन नहीं था। इस पर परिवार के ही व्यक्ति पर शक हुआ तो पुलिस ने कई लोगों की हैंड राइटिंग का मिलान किया। जिसमें अभिषेक की हैंडराइटिंग और खत का लेखन एक ही होने के कारण उसे हिरासत में ले लिया गया।

यूपीएससी में सीधे एंट्री के चक्कर में बुना गुमनाम चिट्ठियों का जाल
अनवा गांव निवासी भानुप्रताप का 24 वर्षीय बेटा अभिषेक ग्रेजुएट है और ऑनलाइन यूपीएससी (आईएएस) की तैयारी कर रहा है। इसने कहीं से पढ़ लिया था कि यूपीएससी में एंट्री बहुत जटिल होती है। लेकिन आप कोई ऐसा कारनामा कर दें, जिससे कि देश में आपका नाम हो जाए, तो आपको सीधे यूपीएससी में एंट्री मिल जाएगी। यह बात सुनकर इसके दिमाग में खुराफात आई कि गुमनाम चिट्ठियां डाल दी जाएं। जिससे आतंकवादियों में हलचल मचेगी, उनमें कोई मूवमेंट होगा तो वह पकड़े जाएंगे। इसके बाद मैं सामने आ आ जाऊंगा कि यह सब मैंने किया है। मेरी इस वीरगाथा से प्रसन्न होकर सरकार मुझे नौकरी दे देगी,लेकिन युवक खुद ही अपने बुने जाल में फंस गया। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।

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