जनता को भावनात्मक रूप से जोड़ गए प्रधानमंत्री मोदी, कुमाऊंनी में बोले तो तालियों से गूंजी रैली

जनता को भावनात्मक रूप से जोड़ गए प्रधानमंत्री मोदी, कुमाऊंनी में बोले तो तालियों से गूंजी रैली

गौरव पांडेय, अमृत विचार, हल्द्वानी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरूआत कुमाऊंनी से की। इसके जरिये प्रधानमंत्री कुमाऊंवासियों को खुद से भावनात्मक रूप से जोड़ गये। उन्होंने पहाड़ की समस्याओं का जिक्र करते हुए महिलाओं के अंतर्मन को भी छू लिया। गुरुवार को हल्द्वानी में हुई जनसभा में प्रधानमंत्री ने कुमाऊंनी में जनता …

गौरव पांडेय, अमृत विचार, हल्द्वानी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरूआत कुमाऊंनी से की। इसके जरिये प्रधानमंत्री कुमाऊंवासियों को खुद से भावनात्मक रूप से जोड़ गये। उन्होंने पहाड़ की समस्याओं का जिक्र करते हुए महिलाओं के अंतर्मन को भी छू लिया।

गुरुवार को हल्द्वानी में हुई जनसभा में प्रधानमंत्री ने कुमाऊंनी में जनता का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि गोल्ज्यू की यो पवित्र धरती कुमाऊं में आपू सबै भाई-बैणा कै मेरो नमस्कार, सबै नानतिन कैं प्यार व आशीष। अर्थात गोल्ज्यू की पवित्र धरती कुमाऊं के सभी भाई-बहनों को मेरा प्यार भरा नमस्कार, छोटे बच्चों को प्यार और आशीर्वाद। इसके बाद उन्होंने जागेश्वर से लेकर बागेश्वर और सोमेश्वर से लेकर रामेश्वर को याद किया। उन्होंने बद्री दत्त पांडे की अगुवाई में हुए कुली बेगार आंदोलन का जिक्र करते हुए आजादी में कुमाऊं के योगदान को भी याद किया।

भाषण के अंत में प्रधानमंत्री ने कुमाऊंनी में ही नववर्ष और मकर संक्रांति की बधाई दी। उन्होंने कहा कि सबै हलद्वाणी-नैनीताल वालों उत्तराखंडीं कै नई साल की बधै, ओणिवाल घुघुतिया त्यारकि बधै। अर्थात हल्द्वानी-नैनीताल निवासियों को नववर्ष की बधाई और आने वाले घुघुतिया पर्व की बधाई। इधर, प्रधानमंत्री के इस अंदाज से जनता गदगद नजर आई।

36 मिनट के भाषण में 47 बार उत्तराखंड
प्रधानमंत्री ने अपने 36 मिनट के भाषण में 47 बार उत्तराखंड का नाम लिया। औसतन उन्होंने एक मिनट में एक से ज्यादा बार उत्तराखंड का नाम लिया। प्रधानमंत्री के भाषण में कुमाऊं का नाम छह बार जुबां पर आया। प्रधानमंत्री ने दो बार हल्द्वानी और दो बार नैनीताल का भी नाम लिया। जागेश्वर और बागेश्वर का नाम भी दो-दो बार लिया।