पीलीभीत: शारदा नदी ने धारण किया विकराल रूप, कई गांव डूबे

पीलीभीत: शारदा नदी ने धारण किया विकराल रूप, कई गांव डूबे

कलीनगर, अमृत विचार। बनवसा बैराज में छः लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद शारदा नदी ने जनपद की कलीनगर तहसील में हड़कंप मच गया। मंगलवार सुबह नेपाल सीमा से सटे नौजल्हा, कुतिया कवर गांव पूरी तरह डूब गया। नलडेंला, रमनगरा बुजिया क्षेत्र में भी कई घरों में बाढ़ का पानी घुस आया। नदी का …

कलीनगर, अमृत विचार। बनवसा बैराज में छः लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद शारदा नदी ने जनपद की कलीनगर तहसील में हड़कंप मच गया। मंगलवार सुबह नेपाल सीमा से सटे नौजल्हा, कुतिया कवर गांव पूरी तरह डूब गया। नलडेंला, रमनगरा बुजिया क्षेत्र में भी कई घरों में बाढ़ का पानी घुस आया। नदी का विकराल रूप यही नहीं थमा नदी ने रमनगरा क्षेत्र के स्पर संख्या 9 बी को कटान कर नश्ट कर दिया। इसके बाद बांध को निशाने पर लेकर उसको भी काट दिया।

इससे रमनगरा क्षेत्र की आबादी में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने नावों के सहारे खुद को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। सिंचाई विभाग के अफसरों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। डीएम पुलकित खरे ने भी षाम को दौरा कर मौके का जायजा लिया और अफसरों को जरूरी दिषा निर्देष दिए।

जनपद पीलीभीत की कलीनगर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत नेपाल सीमा से षारदा नदी जनपद सीमा में प्रवेष करती है। दो दिन से लगातार हो रही बारिष के बाद मंगलवार को बनवसा बैराज से नदी में छह लाख क्यसेक पानी छोड़ दिया गया। अधिक जलस्तर होने से नदी उफनाई गई। इससे नेपाल सीमा से सटे कुतिया कवर, नौजल्हा, नलडेंगा गांव पूरी तरह डूब गया। इसके अलावा रमनगरा बुझिया क्षेत्र की काफी आबादी में नदी का पानी घुस आया। स्थिति खराब होने के बाद परेषान ग्रामीणों ने परिजनों के साथ सुरक्षित स्थान पर पलायन किया। गभिया सहराई के ग्रामीणों ने बस और अन्य वाहनों की मदद से बाढ़ में फंसे परिवारों को सुरक्षित निकलकर पहुंचाया।

रमनगरा क्षेत्र में नदी ने स्पर संख्या 9 बी को काट लिया। देर षाम नदी की धार ने रमनगरा बांध को काटकर आबादी की ओर रूख कर दिया। इसके बाद हड़कंप मच गया। षारदा सागर और बाढ़ खंड के अभियंता मौके पर पहुंचे स्थिति को परखने के साथ बचाव कार्य भी षुरू कराए। षाम को डीएम पुलकित खरे ने भी बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा कर स्थिति को देखा और अफसरों को जरूरी दिषा निर्देष दिए।

रात भर जागकर सुरक्षित स्थानों की ओर निकलते रहे ग्रामीण
शारदा नदी में बाढ़ की स्थिति पैदा होने के बाद से ही सोमवार रात नदी के किनारे बसे गांव के ग्रामीणों ने रातभर जागकर खुद और परिजनों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना षुरू कर दिया। नावों का सहारे भी लिया गया। इसके साथ ही पालतू मवेषियों को भी सुरक्षित निकाला गया।

शारदा ने पार भी बिगड़े हालात
शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद नदी के इस पार हालात बेकाबू हो गए। इसके साथ ही शारदा नदी के पार के क्षेत्र की स्थिति भी बिगड़ गई। गोरख डिब्बी, थारू पटटी गांव की आबादी में पानी भरने से क्षेत्र टापू बन गया। लोग फंस गए और संपर्क भी टूट गया। इसके साथ षारदा नदी के पार गौढ़ियों के मवेषी भी गायब हो गए।

धान और सब्जी की फसलें हुई नष्ट
शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद हालात बेकाबू होने से आबादी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई इसके अलावा धान और सब्जी की फसलें भी पूरी तरह से नश्ट हो गई। किसानों और ग्रामीणों के चेहरों पर मायूसी साफ दिखाई दे रही थी। हालांकि तहसील प्रषासन की टीम क्षेत्र में हालातों पर नजर रख रही थी।

ग्रामीणों ने बयां किया दर्द
गांव नगरिया खुर्द कला निवासी निरंजन अधिकारी ने बताया कि वर्शो पूर्व षारदा नदी में ऐसी बाढ़ देखी थी। अब वही हालात पैदा हो रहे है। घरों में पानी घुस आया। फसलें भी नश्ट हो गया।

नगरिया निवासी विश्वनाथ वाला ने बताया कि रात भर जाग हम लोगों ने परिजनों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसके बाद भी हालात बेकाबू है। प्रषासन की ओर से फिलहाल कोई मदद नहीं की जा रही है।

नलडेंगा निवासी सुशांत ढाली ने बताया कि आबादी क्षेत्र पूरी तरह डूब गया। इसके अलावा धान और सब्जी की फसलें भी नश्ट हो गई। स्वयं प्रयास कर बाढ़ वाले स्थान से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।

रमनगरा बुजिया निवासी रंदीप सिंह ने बताया कि बरसात के दौरान भी हालात इतने नहीं बिगड़े थे। मंगलवार को जलस्तर बढ़ने के बाद स्थिति और खराब हो गई। हर तरफ पानी ही पानी है