पीलीभीत: बीयर बार गोलीकांड में फिर सुस्त पड़ गई पुलिस

पीलीभीत: बीयर बार गोलीकांड में फिर सुस्त पड़ गई पुलिस

पीलीभीत, अमृत विचार। बहुचर्चित बीयर बार गोलीकांड में एक बार फिर पुलिस की कार्रवाई सुस्त पड़ गई है। चार हमलावरों को जेल भेजने के बाद होमगार्ड समेत दो अन्य आरोपियों की संलिप्तता उजागर होने का दावा पुलिस की ओर से किया गया, लेकिन अब तक उनकी गिरफ्तारी को कदम नहीं उठाए जा सके हैं। जिसे …

पीलीभीत, अमृत विचार। बहुचर्चित बीयर बार गोलीकांड में एक बार फिर पुलिस की कार्रवाई सुस्त पड़ गई है। चार हमलावरों को जेल भेजने के बाद होमगार्ड समेत दो अन्य आरोपियों की संलिप्तता उजागर होने का दावा पुलिस की ओर से किया गया, लेकिन अब तक उनकी गिरफ्तारी को कदम नहीं उठाए जा सके हैं। जिसे लेकर राजनीतिक दबाव और साठगांठ की चर्चाएं तेज हो गई है। एक सत्ताधारी नेता का नाम खासा चर्चा का विषय बन गया है।

घटना आठ फरवरी की रात की है। मोहल्ला अशरफ खां निवासी ठेकेदार कासिफ सुनगढ़ी क्षेत्र स्थित मीनार बार में दोस्त के साथ थे। वहां पर मोहल्ला डोरीलाल निवासी पूर्व चेयरमैन के भतीजे विवेक अगव्राल से किसी बात को लेकर विवाद हुआ। आरोप है कि इसमें विवेक ने ठेकेदार को गोली मार दी थी।

सुनगढ़ी थाने में जानलेवा हमला करने की रिपोर्ट ठेकेदार के पिता यामीन खां की ओर से दर्ज की गई थी। कुछ दिन बाद ही विवेचना सुनगढ़ी पुलिस से हटाकर कोतवाली स्थानांतरित कर दी गई। इस मामले में चार आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। होमगार्ड समेत दो आरोपियों को लेकर जांच चल रही है। बीते दिनों कोतवाली पुलिस ने इन दोनों की संलिप्तता के साक्ष्य मिलने का दावा करते हुए गिरफ्तारी को दबिश देने की बात कही थी। यह भी कहा था कि दोनों का गैर जमानती वारंट जारी कराया जाएगा।

मगर, उसके बाद कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। जिसे लेकर मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। पहले एक विपक्ष के नेता का नाम इस प्रकरण में सिफारिशी के तौर पर चर्चित हो रहा था। मगर, अब सत्ताधारी नेता का नाम की चर्चा बढ़ गई है। फिलहाल कोतवाल हरीश वर्धन सिंह का कहना है कि मामला ठंडे बस्ते में नहीं डाला गया है। प्रकरण की विवेचना चल रही है, सख्त एक्शन लिया जाएगा।

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