पीलीभीत: क्रय केंद्रों पर समय से धान खरीद होती तो बर्बाद नहीं होता किसान

पीलीभीत: क्रय केंद्रों पर समय से धान खरीद होती तो बर्बाद नहीं होता किसान

पूरनपुर, अमृत विचार। तीन दिन से झमाझम बारिश से किसानों का धान खेतों में ही जलभराव होने से डूब गया। जिससे किसान बर्बाद हो गया। अगर प्रशान एक अक्टूबर से धान खरीद शुरू कराता तो किसान खेतों में खड़ा धान किसान काट लेता और धान क्रय केंद्रों पर बेच देता लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 18 …

पूरनपुर, अमृत विचार। तीन दिन से झमाझम बारिश से किसानों का धान खेतों में ही जलभराव होने से डूब गया। जिससे किसान बर्बाद हो गया। अगर प्रशान एक अक्टूबर से धान खरीद शुरू कराता तो किसान खेतों में खड़ा धान किसान काट लेता और धान क्रय केंद्रों पर बेच देता लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 18 दिनों में तहसील क्षेत्र में लगे 47 धान क्रय केंद्रों पर मात्र 3553 कुंतल धान किसानों का खरीदा गया है। लेट लतीफ खरीद का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

प्रशासन ने अवस्थाओं के बीच पहले ही 27 धान क्रय केंद्रों के बैनर आधी-अधूरी तैयारी के साथ 1 अक्टूबर को धान क्रय केंद्रों पर तो संस्था के बेनर टांग दिए। लेकिन खरीद शुरू नहीं हुई। किसान धान लेकर आया तो कहीं नमी से कम होने की बात कहकर उसे लौटा दिया गया तो कहीं ई पास मशीन खराब होने के कारण किसान का धान सेन्टरों पर नहीं चल सका। दो-दो बार किसानों ने टोकन लिए तो तीसरी बार डैमेज दान कहकर किसान को परेशान कर वापस कर दिया गया। जिसके चलते बाजार में धान का रेट गिर गया और व्यापारी औने-पौने दामों पर धान खरीदने लगे।

उसके बाद प्रशासन ने 27 क्रय केंद्रों से बढ़ाकर पिछले सप्ताह 20 धान क्रय केंद्र और तहसील क्षेत्र में बढ़ा दिए लेकिन उनकी खरीद बीते दिन सोमवार की रात तक 3553 कुंतल सरकारी आंकड़ों के हिसाब से हुई है जबकि 5300 कुन्तल धान आढ़तों पर धान 11 सौ और 12 सौ रुपए में बिका है। सरकारी रेट 1940 रुपए क्रय केंद्रों पर था।

किसान इस इंतजार में बैठा रहा की धान क्रय केंद्रों पर खरीद शुरू होगी और खेतों से धान काट कर सेंट्रो पर बेचेंगे। इसी दौरान ऊपर वाले की मारने तीन दिन की झामाझम बारिश ने किसान को बर्बाद कर दिया। लगातार तीसरे दिन झमाझम बरसात से खेतों में खड़ी धान की फसल जलभराव होने डूब गई और किसान बर्बाद हो गया।

इस बार लागत के मुताबिक किसान की फसल इतनी अच्छी थी कि कुछ आंसू कुछ जाते हैं लेकिन ऊपर वाले को यह मंजूर नहीं था। शायद हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी लेट लतीफ धान क्रय केंद्रों की खरीद होने पर मार्केट में कमरे रेटे पर धान बिक रहा था और अब बेमौसम की बरसात ने किसानों को कहीं का नहीं छोड़ा है बर्बाद कर दिया है और धान की फसल चैपट हो गई।

सरकार किसानों 50 हजार एकड़ दे मुआवजाः मंजीत
मंजीत सिंह ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बेमौसमी बरसात से जिला पीलीभीत के किसानों की धान की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गयी है। किसानो के आगे बहुत विकराल समस्या उत्पन्न हो गयी है। क्योकि बैंक से लिया गया क्राप लोन व उधार लिया गया डीजल, बीज तथा बाजार से लिया गया कर्ज आदि की किसान अदायगी कैसे करेंगे। इन सब समस्याओ को देखते हुये किसानों के हुये नुकसान की भरपाई के लिए सरकार किसानों को 50 हजार प्रति एकड का मुआवजा किसानो को प्रदान कराये ताकि पहले से कर्ज मे डूबे किसानो को अगली फसल बोने मे दिक्कत न हो। -मंजीत सिंह जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष (भाकियू)

किसान तलविन्दर सिंह निवासी वेगपुर ने वताया कि दो दिन से मण्डी में 47 कुन्लल धान लेकर आया है। काफी जदौजहद के बाद आज टोकन मिलने बाद डिप्टी आर.एम.ओ. ज्ञानेन्द्र वर्मा के आने पर आर.एफ.सी. तृतीय पर तौला गया है।