पीलीभीत: खेतों में खड़ी फसल पर कुदरत की मार, लगातार बारिश से किसान बर्बाद

पीलीभीत: खेतों में खड़ी फसल पर कुदरत की मार, लगातार बारिश से किसान बर्बाद

पीलीभीत, बिलसंडा, अमृत विचार। बेमौसम हो रही बरसात में पहले से ही परेशान किसानों की कमर तोड़ कर रख दी। रविवार की दोपहर से शुरू हुई बारिश मंगलवार की सुबह तक लगातार होती रही। पूरी रात मूसलाधार हुई बारिश ने किसानों की पिछले 6 महीनों से खून पसीना बहाकर धान की फसल तैयार की। खेतों …

पीलीभीत, बिलसंडा, अमृत विचार। बेमौसम हो रही बरसात में पहले से ही परेशान किसानों की कमर तोड़ कर रख दी। रविवार की दोपहर से शुरू हुई बारिश मंगलवार की सुबह तक लगातार होती रही। पूरी रात मूसलाधार हुई बारिश ने किसानों की पिछले 6 महीनों से खून पसीना बहाकर धान की फसल तैयार की। खेतों में पकी खड़ी फसल को आज बारिश के कारण बर्बाद होता देख किसान सिहर उठे। ऊपर से हुई बेमौसम बारिश भी आज उस पर कुदरत का कहर बनकर टूट पड़ी।

2 दिनों से हो रही बारिश ने तो मानो किसानों की सारी मेहनत पर पानी ही फेर दिया।देखा जाए तो क्षेत्रभर में अभी तीस प्रतिशत ही कटाई हुई है, बाकी धान खेतों में ही पका खड़ा है।जिससे किसान को एक बार फिर बर्बादी के रास्ते पर ला खड़ा कर दिया, जिससे उस पर कुदरत की सीधी मार पड़ी। जो बड़े फार्मर हैं, जिन पर साधन हैं, उन्होंने तो अपना धान काट लिया। लेकिन धान की कीमत वाजिब न मिलने से वह भी मंडियों में ही खुला पड़ा हुआ है, जो बारिश से भीगकर खराब हो गया।

कुर्रैया के किसान बलविंदर सिंह, गुरजीत सिंह, गुरुदेव सिंह, अमनदीप और सुहेल सिंह की मानें तो इस बारिश ने छोटे बड़े सभी किसानों पर अपना कहर ढाया है। जो गरीब किसान हैं, वह तो बेमौत ही मर गया। इस बार जिन लोगों ने खेती ठेके पटके पर ली है, उनकी लागत भी नही लौटी। जिस कारण इसका सीधा असर बाजारों पर भी पड़ना तय है।आम इंसानों के लिए त्योहारों की रौनक भी अब फीकी पड़ती दिखाई देने लगी है।

‘प्रकृति ने संतुलन बनाने के लिए भले ही बारिश की है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा नुकसान खेतों में खड़ी फसलों का हुआ है। जिन खेतों में अभी धान की फसल नहीं काटी गई ,उसका भी नुकसान हुआ है, और जिन्होंने फसल काटकर घरों पर सुखाने के लिए ढेर लगाए हैं, वह भी भीग जाने की वजह से धान का दाना काला पड़ गया है।’
– श्री राम यादव, कृषक चांदपुर

‘सरकार की नीतियों की वजह से किसान पहले से ही लाचार था, और अब प्रकृति की मार से किसान पूरी तरह से बेबस हो गया। मिलों पर पहले से ही औने-पौने भाव में धान खरीदा जा रहा था। अब भीग जाने की वजह से मिलर भी धान खरीदने में आनाकानी करेंगे। ऐसे में सर्वाधिक नुकसान किसान का ही हुआ है। धान को कटवा कर सुखाने के लिए छत पर डाला लेकिन बारिश हो जाने से वह भी गया।’
– कीरत राम वर्मा, कृषक बमरोली

यह भी पढ़े-

पीलीभीत: 48 घंटे की मूसलाधार बारिश से तबाही, बाढ़ के आसार