पीलीभीत: मुख्यमंत्री के जांच के आदेश के बाद वक्फ संपत्तियों के ब्योरा को लेकर मची खलबली

पीलीभीत, अमृत विचार। वक्फ संपत्तियों की जांच के आदेश से जिले के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। संपत्तियों का कोई रिकार्ड न होने के कारण अधिकारी अब खुद को बचाने के लिए शासन से कोई आदेश न आने की बात कह रहे हैं। वहीं जिले के वरिष्ठ अधिकारी कमेटी गठित होकर जांच शुरू होने …

पीलीभीत, अमृत विचार। वक्फ संपत्तियों की जांच के आदेश से जिले के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। संपत्तियों का कोई रिकार्ड न होने के कारण अधिकारी अब खुद को बचाने के लिए शासन से कोई आदेश न आने की बात कह रहे हैं। वहीं जिले के वरिष्ठ अधिकारी कमेटी गठित होकर जांच शुरू होने की बात कह रहे हैं। इधर, आदेश के बाद अंदर ही अंदर अधिकारियों ने संपत्तियों का ब्योरा एकत्र करना भी शुरू कर दिया है।

प्रदेश सरकार ने अभी हाल में ही वक्फ संपत्तियों को लेकर जांच के आदेश जारी किए हैं। अन्य जिलों में तो अधिकारियों ने इसको लेकर अपनी जांच शुरू कर दी है। जिले में इसको लेकर अभी कोई हलचल तक नहीं हो सकी है। इतना जरूर है कि रिकार्ड को लेकर अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। संपत्ति कहां-कहां पर है और हाल क्या है इसको लेकर यहां पर अभी तक कोई रिकार्ड ही अपडेट नहीं है। ऐसे में अधिकारी जांच के नाम पर खुद को फंसा देख रहे हैं।

खुद को बचाने और संपत्ति का ब्योरा न देने के लिए अब अधिकारियों ने एक ही रास्ता अपना लिया है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी का कहना है कि उनके पास शासन से कोई आदेश अभी ऐसा नहीं आया है। वहीं एडीएम का कहना है कि कमेटी गठित कर जांच शुरू हो गई है। अधिकारी इस मामले में एक मत नहीं हो पा रहे हैं। इधर, सख्त हिदायत के बाद संपत्ति को लेकर जिला प्रशासन ने आनन फानन में अंदर ही अंदर कुछ विवरण एकत्र करना शुरू कर दिया है। ऐसे में सटीक जानकारी भी किसी को नहीं दी जा पा रही। इन हालतों में जिले में संपत्ति की जांच संभव नहीं लग पा रही है।

पूर्व डीएम भी नहीं जुटा पाए थे संपत्ति का रिकार्ड

जिले का कार्यभार गृहण करने के बाद डीएम पुलकित खरे के सामने वक्फ की संपत्ति पर अवैध कब्जों की तमाम शिकायतें पहुंची थी। जिसके बाद तत्कालीन डीएम ने वक्फ की संपत्ति का पता लगाने के लिए रिकार्ड तलब किया था। कई बार रिमांइडर भेजने के बाद भी संबंधित विभाग से कोई अभिलेख नहीं दिया जा सका था। इसके बाद डीएम ने लखनऊ कार्यालय से रिकार्ड मंगवाने की बात कही थी। लेकिन दो साल एक माह के कार्यकाल के बाद भी डीएम खुद वक्फ संपत्ति से जुड़ा यह रिकार्ड पता नहीं कर सके थे। ऐसे में मामला जहां का तहां की अटक गया था। अब शासन ने फिर से जांच के आदेश दिए तो दौड़ शुरू कर दी गई।

कहीं हो चुका कब्जा तो कहीं मिट गया नाम

शहर में बात करें तो आधे शहर में वक्फ संपत्ति है। लेकिन इसका रिकार्ड प्रशासन के पास नहीं है। धरातल पर देखा जाए तो इन संपत्तियों के साथ छेड़खानी कर उस पर या तो कब्जा हो गया है या फिर नाम ही मिटा दिया गया है। ऐसे में अधिकारियों के लिए यह पड़ताल भी चुनौती बना हुआ है।

एडीएम बोले- कमेटी गठित, जांच शुरू

एडीएम राम सिंह गौतम ने बताया कि वक्फ संपत्ति मामले में कमेटी गठित की जा चुकी है, जिसमें तहसील के सभी एसडीएम व अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारी शामिल हैं। जांच भी शुरू हो चुकी है।

अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बोले- नहीं आया आदेश

शासन की ओर से वक्फ संपत्तियों की जांच के आदेश समाचार पत्रों के माध्यम से ही पता चल सके हैं। अभी उनके पास ऐसा कोई आदेश नहीं आया है। अभी उनके पास ऐसा कोई रिकार्ड भी नहीं है। – केपी सिंह, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी।

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