पीलीभीत: संविदा कर्मियों के बाद फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने भरी हुंकार, मांगों को लेकर हड़ताल शुरू

पीलीभीत: संविदा कर्मियों के बाद फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने भरी हुंकार, मांगों को लेकर हड़ताल शुरू

पीलीभीत, अमृत विचार। एनएचएम संविदा कर्मचारी हड़ताल पर हैं और अब फार्मासिस्टों ने भी आंदोलन शुरू कर दिया है। विभिन्न मांगों को लेकर सीएमओ कार्यालय में धरना-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में उन्हें एनआरएचएम के साथ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने समर्थन दिया है। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आंदोलन चलता रहेगा। एक …

पीलीभीत, अमृत विचार। एनएचएम संविदा कर्मचारी हड़ताल पर हैं और अब फार्मासिस्टों ने भी आंदोलन शुरू कर दिया है। विभिन्न मांगों को लेकर सीएमओ कार्यालय में धरना-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में उन्हें एनआरएचएम के साथ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने समर्थन दिया है। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आंदोलन चलता रहेगा। एक साथ स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो गई है। टीकाकरण से लेकर इमरजेंसी सेवा तक सभी पर असर देखने को मिला।

शनिवार को सीएमओ कार्यालय में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी और जिले भर की सीएचसी पीएचसी पर कार्यरत फार्मासिस्ट इकट्ठा हुए और अपने वेतन उच्चीकरण, प्रिस्क्रिप्शन का अधिकार दिए जाने,संवर्ग पुनर्गठन, पदनाम परिवर्तन सहित 20 मांगें पूरी न होने पर धरना प्रदर्शन किया। संगठन की ओर से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सीएमओ को सौंपा। ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके। एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डॉ0 अनिल मिश्रा ने कहा कि जब तक मांगों को पूरी नहीं होंगी। तब तक चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा।

फार्मासिस्ट एवं संवर्ग के उच्च पदों के वेतनमान पद योग्यता एवं कार्य दायित्व के अनुरूप नहीं प्रदान किए जाने से आक्रोश है। हमारी मांग है कि प्रभार भत्ता बढ़ाया जाए, पदनाम फार्मेसी अधिकारी किया जाए। संरक्षक डॉ बी सी यादव ने आंदोलनकारी सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि कई बार आश्वासन देने पर भी सरकार के कानों पर जूं तक नही रिंगी है। सभी साथी आर पार की लड़ाई के लिए तैयार रहें। इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी कामकाज ठप रहेगा।

फार्मासिस्ट के हड़ताल पर जाने के बाद अधिकांश जगह की चिकित्सा सेवा लड़खड़ा गई है। धरना देने वालों में जिला मंत्री भुवन चन्द्र पांडेय, डॉ. एच. एन. सिंह, जे बी सिंह, मनोज कुमार वर्मा, जे एस सागर, डॉ. अवधेश चौधरी, राहुल श्रीवास्तव, मनोज गोस्वामी, यतेंद्र सिंह, शशि भूषण राव, संदीप जायसवाल, संप्रेक्षक प्रहलाद सिंह, राजीव यादव, अवनीश कुमार, अनिल कुमार मिश्रा, डॉ. शमशेर सिंह मौजूद रहे।