Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में ईंधन संकट को लेकर संसद सत्र में कटौती

Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में ईंधन संकट को लेकर संसद सत्र में कटौती

कोलंबो। श्रीलंका में ईंधन आपूर्ति संकट के मद्देनजर संसद सत्र का आयोजन इस सप्ताह चार दिन के बजाय केवल दो दिन के लिए होगा। सदन के नेता दिनेश गुणवधर्न ने मंगलवार को यह जानकारी दी। लगभग 2.2 करोड़ लोगों की आबादी वाला श्रीलंका 70 से अधिक वर्ष में सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर …

कोलंबो। श्रीलंका में ईंधन आपूर्ति संकट के मद्देनजर संसद सत्र का आयोजन इस सप्ताह चार दिन के बजाय केवल दो दिन के लिए होगा। सदन के नेता दिनेश गुणवधर्न ने मंगलवार को यह जानकारी दी। लगभग 2.2 करोड़ लोगों की आबादी वाला श्रीलंका 70 से अधिक वर्ष में सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंका की अर्थव्यवस्था अत्यधिक ईंधन की कमी, खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों और दवाओं की कमी का सामना कर रही है।

गुणवर्धन ने ऐलान किया किया कि, ‘‘मौजूदा ईंधन आपूर्ति संकट को देखते हुए हमने मंगलवार और बुधवार के लिए संसदीय सत्र सीमित करने का फैसला किया है।’’ मंगलवार सुबह संसद की बैठक में मुख्य विपक्षी समागी जन बालवेगया पार्टी और मार्क्सवादी नेशनल पीपुल्स पावर पार्टी ने कहा कि वे मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने के लिए सरकार की निष्क्रियता के विरोध में सत्रों का बहिष्कार कर रहे हैं।

एसजेबी नेता साजिथ प्रेमदासा ने कहा कि सरकार के पास संकट से निपटने के लिए कोई रणनीति नहीं है, इसलिए संसद में समय बिताने का कोई फायदा नहीं है। एनपीपी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा, ‘‘हम मौजूदा आर्थिक और ईंधन की कमी के मुद्दे को हल करने की दिशा में सरकार की ओर से कोई योजना नहीं देख रहे।’’ उन्होंने कहा कि मई के मध्य में नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की नियुक्ति के बाद से ईंधन के लिए लोगों की कतारें और लंबी हो गई हैं।

आज के सत्र की शुरुआत में अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने संविधान में 21वें संशोधन पर मुख्य विपक्षी दल के प्रस्ताव पर कहा कि इसमें संविधान के असंगत प्रावधानों के चलते राष्ट्रीय जनमत संग्रह की आवश्यकता होगी। श्रीलंकाई मंत्रिमंडल ने सोमवार को कार्यकारी राष्ट्रपति के मुकाबले संसद को सशक्त बनाने के उद्देश्य से संविधान में 21वें संशोधन को मंजूरी दे दी।

21वें संशोधन से संविधान के 20ए को रद्द करने की उम्मीद है, जो संसद को मजबूत करने वाले 19वें संशोधन को समाप्त करके राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को निरंकुश अधिकार देता है। श्रीलंका एक आर्थिक कार्यक्रम के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ बातचीत कर रहा है। श्रीलंका छह अरब अमेरिकी डॉलर की मदद चाहता है, ताकि अर्थव्यवस्था अगने छह महीने तक चलती रहे। श्रीलंका का कुल विदेशी कर्ज 51 अरब अमेरिकी डॉलर है। इस आर्थिक संकट ने श्रीलंकाई लोगों को ईंधन और रसोई गैस खरीदने के लिए दुकानों के बाहर घंटों लाइन में खड़े रहने के लिए मजबूर कर दिया है।

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