आतंकियों के एनकाउंटर पर झल्लाया पाकिस्तान, सभी मुठभेड़ों को बताया फर्जी

आतंकियों के एनकाउंटर पर झल्लाया पाकिस्तान, सभी मुठभेड़ों को बताया फर्जी

नई दिल्ली। हाल ही में जम्मू एवं कश्मीर में हुए कई मुठभेड़ों में मारे गए आतंकवादियों से बौखलाए पाकिस्तान की झल्लाहट छिपाए नहीं छिप रही है। उसने हाल ही में मीडिया को दिए बयान में इन मुठभेड़ों को ‘फर्जी’ बताया। इसके साथ ही पाकिस्तान ने जम्मू एवं कश्मीर में धार्मिक समारोहों और जुलूसों पर प्रतिबंध …

नई दिल्ली। हाल ही में जम्मू एवं कश्मीर में हुए कई मुठभेड़ों में मारे गए आतंकवादियों से बौखलाए पाकिस्तान की झल्लाहट छिपाए नहीं छिप रही है। उसने हाल ही में मीडिया को दिए बयान में इन मुठभेड़ों को ‘फर्जी’ बताया। इसके साथ ही पाकिस्तान ने जम्मू एवं कश्मीर में धार्मिक समारोहों और जुलूसों पर प्रतिबंध लगाने पर भी आपत्ति जताई है।

गौरतलब है कि सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को शोपियां में मुठभेड़ में चार आतंकवादियों को ढेर कर दिया था। पुलिस ने कहा कि मारे गए चार आतंकवादियों में से दो वो आतंकवादी भी शामिल हैं, जिन्होंने भाजपा से जुड़े एक पंचायत सदस्य का अपहरण कर हत्या कर दी थी।

कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान ने 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा हमले के चार्जशीट को खारिज कर दिया था। पाकिस्तान के भद्दे बयान और मुठभेड़ों को लेकर पुराना रवैया उसकी और उसकी सेना की हताशा को स्पष्ट रूप से दर्शा रहा है।

विदेश कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में उन्होंने एक बार फिर से आरएसएस-भाजपा के एंगल को उठाया है। बयान में कहा गया, “आरएसएस-भाजपा के शासन में कश्मीरी पुरुष और महिला पत्रकारों के खिलाफ कई अभियानों सहित मीडिया का मुंह बंद करने के लिए लंबे समय तक संचार व्यवस्था ठप्प करने का भारतीय प्रयास इस बात का और स्पष्ट चित्रण करता है कि कश्मीरियों के साथ कितना क्रूरतापूर्ण व्यवहार जारी है।”

वहीं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए एक साल से अधिक समय हो चुका है और कश्मीर घाटी काफी हद तक शांत है। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ एक बार फिर से इस मुद्दे को उठाने की कोशिश एक निर्थक कवायद है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर पाकिस्तान भी अलग-थलग पड़ गया है और उसके अपने नेताओं ने भी इस वास्तविकता को स्वीकार कर लिया है।

अपने कई प्रयासों के विफल होने और भारत को कई देशों का समर्थन होने के बावजूद पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने कहा, “यह संयुक्त राष्ट्र सहित विश्व समुदाय की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वह संबंधित सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और दक्षिण एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता के लिए कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार जम्मू एवं कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान के लिए काम करें।”

इस सप्ताह की शुरुआत में पाकिस्तान द्वारा बुधवार को जारी एक बयान में पुलवामा हमले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की चार्जशीट को खारिज कर दिया गया। यह पाकिस्तान की हताशा का एक और संकेत था, क्योंकि भारत ने इसमें पाकिस्तान के प्रमुख आतंकवादियों का नाम लिया था।

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा, “पाकिस्तान ने भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा जारी ‘चार्जशीट’ को खारिज कर दिया है। उसमें पुलवामा हमले में पाकिस्तान को फंसाने की गलत कोशिश की गई है।”

उसमें आरोप लगाते हुए कहा गया, “रिपोर्ट की गई ‘चार्जशीट’ में आरोपों को भाजपा की पाकिस्तान विरोधी बयानबाजी और उसके संकीर्ण घरेलू राजनीतिक हितों के मद्देनजर डिजाइन किया गया है।”

बयान में कहा गया है कि हालांकि शुरू में पाकिस्तान ने भारत के बेबुनियाद आरोपों को खारिज करते हुए कार्रवाई की जानकारी के आधार पर सहयोग देने में तत्परता व्यक्त की थी।