नई रक्षा कंपनियां

नई रक्षा कंपनियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सात नई रक्षा कंपनियों को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश एक नए भविष्य के निर्माण के लिए नए संकल्प ले रहा है। जो काम दशकों से अटके थे, उन्हें पूरा कर रहा है, 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज़ को नए स्वरूप में किए जाने का निर्णय, सात …

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सात नई रक्षा कंपनियों को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश एक नए भविष्य के निर्माण के लिए नए संकल्प ले रहा है। जो काम दशकों से अटके थे, उन्हें पूरा कर रहा है, 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज़ को नए स्वरूप में किए जाने का निर्णय, सात नई कंपनियों की ये शुरुआत, देश की इसी संकल्प यात्रा का हिस्सा हैं।

ये निर्णय पिछले 15-20 साल से लटका हुआ था। पिछले दिनों ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) को सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी वाली सात आयुध कंपनियों में तब्दील करने का फैसला लिया गया था। सरकार के इस निर्णय के पीछे दलील दी गई थी कि ओएफबी में पारदर्शिता, भरोसा और प्रौद्योगिकी आधारित दृष्टिकोण में सुधार होगा। मजबूत कार्यात्मक स्वायत्तता और प्रभावशीलता आएगी तथा नई वृद्धि क्षमता और नवोन्मेष की शुरुआत होगी। ओएफबी का निगमीकरण किया जाएगा।

गौरतलब है कि रक्षा उत्पादन के मामले में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रक्षा मंत्रालय ने 101 वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इस सूची में आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफल्स, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट रडार और दूसरी चीज़ें शामिल हैं। अब घरेलू कंपनियां इन रक्षा उत्पादों का निर्माण करेंगी। बताया जा रहा है कि इन सात नई कंपनियों के लिए 65 हजार करोड़ रुपए के आदेश जारी हो चुके हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि यह निर्णय देश के रक्षा उत्पादन में बढ़ोतरी के मकसद से लिया गया है।

उधर अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ का आरोप है कि सरकार की मंशा इस फैसले की आड़ में प्राइवेट कंपनियों और विदेशी हथियार निर्माताओं को लाभ पहुंचाने की है। अभी तक प्राइवेट कंपनियां, 41 आयुध कारखानों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रही थीं। केंद्र ने इंडियन डिफेंस के रणनीतिक कौशल और प्रबंधन के साथ खिलवाड़ किया है। गौरतलब है कि भारतीय आयुध निर्माणियों के चुनिंदा ग्राहक भारतीय सशस्त्र सेनाएं रही हैं।

सशस्त्र सेनाओं को आयुध की आपूर्ति के अतिरिक्त, आयुध निर्माणियां अन्य दूसरे उपभोक्ताओं की मांगों को भी पूरा करती रही हैं जैसे गोला बारूद, वस्त्र, बुलेट प्रुफ वाहन और सुरंग प्रतिरोधी वाहन की आपूर्ति इत्यादि। आजादी के बाद पहली बार रक्षा क्षेत्र में इतना बड़ा बदलाव किया गया हैं। उम्मीद की जा सकती है कि ये सात कंपनियां आने वाले समय में देश की सैन्य शक्ति का मजबूत आधार बनेंगी। देश में आधुनिक सैन्य इंडस्ट्री का विकास होगा और रक्षा क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर होगा।

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