अब नया खतरा

अब नया खतरा

देश में अभी कोरोना महामारी की दूसरी लहर पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना की स्थिति बीते कुछ दिनों के मुकाबले खराब रही इस अवधि में 2,796 लोगों की इस महामारी के कारण मौत हो गई। इससे पहले 21 जुलाई को भारत में एक दिन में संक्रमण से मृत्यु …

देश में अभी कोरोना महामारी की दूसरी लहर पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना की स्थिति बीते कुछ दिनों के मुकाबले खराब रही इस अवधि में 2,796 लोगों की इस महामारी के कारण मौत हो गई। इससे पहले 21 जुलाई को भारत में एक दिन में संक्रमण से मृत्यु के 3,998 मामले सामने आए थे। हालांकि माना जा रहा था कि कोरोना की तीसरी लहर का खतरा टल गया है। परंतु वह नए स्वरुप ‘ऑमिक्रान’ के रूप में सामने आकर खड़ा हो गया है।

रविवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तंजानिया से आया एक व्यक्ति ‘ऑमिक्रान’ से संक्रमित पाया गया है। यह देश में पांचवां मामला है। वैज्ञानिक कोरोना की तीसरी लहर के साल के अंत तक प्रभाव दिखाने की चेतावनी दे रहे हैं। जबकि वे जनवरी के अंतिम सप्ताह तक कोरोना के नए वैरिएंट के चरम पर होने की संभावना जता रहे हैं। अभी वायरस के इस नए वैरिएंट को लेकर ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। इतना जरूर कहा जा रहा है कि यह अब तक के तमाम वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा संक्रामक है।

ऑमिक्रान पहली बार दक्षिण अफ्रीका में खोजा गया था। कोरोना के नए रूप की शक्ल में ऑमिक्रान का खतरा समूची दुनिया के सिर पर खड़ा है, उसे एक खतरनाक संकेत के तौर पर देखा जाना चाहिए। समझना चाहिए कि वायरस कोई भौगोलिक सीमा नहीं जानता। इस सच्चाई को दुनिया ने कोविड-19 के दौरान जाना भी। अब 2020 की शुरुआत के विपरीत, दुनिया में कोविड -19 के कई टीके उपलब्ध हैं, जो मृत्यु दर को कम करने और वायरस के प्रसार को धीमा करने में प्रभावी हैं। यानि वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण और बचाव बेहद कारगर साबित हो सकता है।

इस साल कोरोना के डेल्टा बहुरूप ने कोविड-19 के इलाज के मामले में संकट खड़ा कर दिया था। डेल्टा स्वरुप की मार झेलने के बाद सभी देश इससे बचाव के उपायों को लेकर जरुरी सतर्कता बरत रहे हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने रविवार को बताया कि देश में 50 प्रतिशत से अधिक पात्र वयस्क आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है।

सरकार की ओर से पूरी सावधानी बरती जा रही है। ऐसे में जल्दबाजी में फैसले लेने से बचना होगा। क्योंकि हमारे सामने बड़ी मुश्किलों के बाद खड़ी हुई अर्थव्यस्था को संभाले रखने की चुनौती भी है। आम नागरिक मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहें और टीके की दोनों खुराक लेकर संभावित खतरे को कम कर सकते हैं।

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