Video : जब नहर में डूबे एक शख्स के लिए NDRF के जवान बने देवदूत

Video : जब नहर में डूबे एक शख्स के लिए NDRF के जवान बने देवदूत

गाज़ियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद के मुरादनगर इलाके में नहर में 40-वर्ष के विनोद नामक शख्स के डूबने के बाद एनडीआरएफ जवानों ने सीपीआर देकर उसकी जान बचाई थी। एनडीआरएफ ने ट्विटर पर घटना का वीडियो शेयर करते हुए बताया था कि शख्स को बेहोशी की हालत में बचाया था जिसके बाद सीपीआर देकर उसकी …

गाज़ियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद के मुरादनगर इलाके में नहर में 40-वर्ष के विनोद नामक शख्स के डूबने के बाद एनडीआरएफ जवानों ने सीपीआर देकर उसकी जान बचाई थी। एनडीआरएफ ने ट्विटर पर घटना का वीडियो शेयर करते हुए बताया था कि शख्स को बेहोशी की हालत में बचाया था जिसके बाद सीपीआर देकर उसकी जान बचाई गई।

दरअसल, मामला मुरादनगर गंगनहर का है, यहां नहर में डूबे एक व्यक्ति के लिए एनडीआरएफ के जवान देवदूत बनकर पहुंचे। यहां एक व्‍यक्ति के डूबने की सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने मदद के लिए कमला नेहरूनगर स्थित एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन को बुलाया था। जिसके बाद एनडीआरएफ की डीप डाइवर्स टीम नहर पर पहुंचकर डूबे हुए व्‍यक्ति की तलाश कर रही थी।

इसी दौरान दोस्‍तों संग नहाने आए मोदीनगर निवासी विनोद भी डूबने लगा। नहर में पूरी तरह से डूब चुके व्‍यक्ति को जब एनडीआरएफ के जवानों ने पानी से बाहर निकाला तो उसकी सांसें और नब्ज बंद हो चुकी थी। इसके बाद जवानों ने अपनी सूझबूझ और कौशल का इस्तेमाल कर करीब पांच मिनट में उस व्‍यक्ति में फिर से जान फूंक दी। वहीं 20 मिनट बाद वह व्यक्ति उठकर चलने लगा।

बटालियन के पीआरओ नरेश कुमार के मुताबिक़, पुलिस द्वारा गंगनहर में एक व्‍यक्ति के डूबने की जानकारी मिलने पर टीम कमांडर मोहम्मद शकील के नेतृत्व में पांच डीप डाइवर्स को वहां पर भेजा गया था। व्‍यक्ति की तलाश हो रही थी, तभी नहर के किनारे खड़े डीप डाइवर सप्ति राठी की नजर करीब 100 मीटर की दूरी पर नहर में डूब रहे विनोद पर पड़ी।

जिसके बाद सप्ति ने नहर में छलांग लगाकर विनोद को बाहर ले आए। बाहर लाए तो उसकी नब्ज नहीं चल रही थी और और सांस भी नहीं आ रही थी। जिसके बाद सभी जवानों ने मिलकर सबसे पहले विनोद के पेट से पानी निकाला और पैरों को ऊपर रखते हुए कार्डियो पल्मनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और माउथ-टू-माउथ रिससिटेशन शुरू किया।

करीब दो मिनट तक कोई हरकत नहीं हुई, लेकिन इसके बाद भी जवान लगातार प्रयास करते रहे और तीन मिनट बाद विनोद ने सांस लेना शुरू कर दिया। इसके 15 मिनट बाद विनोद खड़े होकर चलने लगा और अपने घर चला गया। विनोद की जान बचाने वाले जवानों की कमांडेंट पीके तिवारी ने प्रशंसा की है।

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