नैनीताल: झील में कभी भी समा सकता है बैंड हाउस के पास का हिस्सा

नैनीताल: झील में कभी भी समा सकता है बैंड हाउस के पास का हिस्सा

नैनीताल, अमृत विचार। मल्लीताल बैंड हाउस के पास मार्ग पर गहरी दरार पड़ने को लेकर सोमवार को सिंचाई विभाग और नगर पालिका की टीम ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता केएस चौहान व नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी अशोक वर्मा ने निरीक्षण के दौरान बैंड हाउस के पास वाले मार्ग पर …

नैनीताल, अमृत विचार। मल्लीताल बैंड हाउस के पास मार्ग पर गहरी दरार पड़ने को लेकर सोमवार को सिंचाई विभाग और नगर पालिका की टीम ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता केएस चौहान व नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी अशोक वर्मा ने निरीक्षण के दौरान बैंड हाउस के पास वाले मार्ग पर पड़ रही दरार की स्थिति को जांचा।

सिंचाई विभाग के अधिशासी अधिकारी केएस चौहान ने बताया कि झील का जलस्तर घटने और बढ़ने से झील से सटे इस मार्ग पर काफी दबाव बना रहता है। इससे यह धीरे-धीरे नीचे धंस रहा है। मार्ग की इस दीवार का कुछ हिस्सा काफी संवेदनशील बना हुआ है जो तेज बारिश होने पर झील में समा सकता है।

बताया की झील के आसपास जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहा है। जिनका मलबा बारिश के दौरान नालों में बहाया जा रहा है। नालों से यह मलबा झील में लगातार पहुंच रहा है। इस संबंध में झील विकास प्राधिकरण को भी सूचना दी गयी है, लेकिन बारिश में नालों से बहता हुआ मलबा व कूड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
इस दौरान सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता डीडी सती, अपर सहायक नीरज तिवारी, पालिका सभासद भगवत रावत, कर निरीक्षक सुनील खोलिया, सूरज चौहान, चिलवाल आदि मौजूद रहे।

मार्ग पर पर्यटकों की आवाजाही बंद की
बैंड हॉउस के समीप जो मार्ग धंस रहा है। वहां पर पर्यटकों की आवाजाही रहती है। कोई जनहानि ना हो, इसके लिए नगरपालिका की सहायता से धंसे हुए मार्ग को बंद कराया जा रहा है। वहीं मार्ग के पुनः निर्माण के लिए प्रस्ताव बना कर विभाग को भेजा जाएगा।

नालों की सफाई के लिए नहीं मिल रहा बजट
नालों में सफाई करने का कार्य सिंचाई विभाग की जिम्मेदारी है, लेकिन पिछले कई वर्षों से झील की सफाई के लिए बजट नहीं मिल पाया है। इसके अलावा विभाग के पास नालों की सफाई के लिए पर्याप्त कर्मचारी भी नहीं हैं। शहर में 40 से ऊपर के नालों की साफ सफाई करने के लिए रोजाना बीस से अधिक मजदूरों की आवश्यक पड़ती है। कहा कि पिछले वर्ष 2020-21 में विभाग द्वारा डेढ़ करोड़ रुपये नैनी झील व नालों के रखरखाव के लिए मिले थे। 2021-22 में इस मद को खत्म कर दिया गया। सिंचाई विभाग के ऊपर 1 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी बाकी है।