मुरादाबाद : सिलेंडर से खेल ने उजाड़ दी सहादत की दुनिया

मुरादाबाद : सिलेंडर से खेल ने उजाड़ दी सहादत की दुनिया

मुरादाबाद,अमृत विचार। मानपुर के 60 वर्षीय सहादत हुसैन गहरे अवसाद में हैं। बूढ़ापे के पहले पायदान पर बीवी खोने के बाद इस कदर विचलित है कि वह कुछ बोलने से परहेज कर रहा। सहादत को यकीन नहीं हो रहा कि जिस व्यवसाय ने उसके पूरे कुनबे का पेट पाला, वही सरीके हायात की मौत का …

मुरादाबाद,अमृत विचार। मानपुर के 60 वर्षीय सहादत हुसैन गहरे अवसाद में हैं। बूढ़ापे के पहले पायदान पर बीवी खोने के बाद इस कदर विचलित है कि वह कुछ बोलने से परहेज कर रहा। सहादत को यकीन नहीं हो रहा कि जिस व्यवसाय ने उसके पूरे कुनबे का पेट पाला, वही सरीके हायात की मौत का सबब बन गया। सहादत की एक चूक उसके जीवन पर भारी पड़ गई।

भगतपुर के सहादत हुसैन मुफलिसी का शिकार है। सहादत व उसकी पत्नी मजीदन नौ बच्चों के मां-बाप हैं। एक बेटी व दो पुत्र अविवाहित हैं। शेष की शादी हो चुकी है। सहादत गुब्बारे बेच परिवार का भरण-पोषण करता था। पूर्व की भांति रविवार को वह फिर डूंगरपुर बाजार में गुब्बारा बेचने की तैयारी कर रहा था। उड़ने वाला गुब्बारा बनाने में उसने बड़ी चूक की। अनपढ़ कहे जा रहा सहादत जिस सिलेंडर का उपयोग घरेलू गैस की आपूर्ति में होता है, उसका इस्तेमाल उड़ने वाला गुब्बारा गैस बनाने में शुरू कर दिया। चोरी-छिपे नहीं, बल्कि खुले तौर पर वह खतरे से खेलने लगा। उसकी इस बड़ी चूक पर किसी की नजर नहीं गई। रविवार को फिर सहादत सिलेंडर में गैस बनाने की कोशिश में जुटा। यह कोशिश ही उसकी पत्नी के दर्दनाक अंत का सबब बन गई।

ऐसे होता है सिलेंडर में विस्फोट
उड़ने वाले गुब्बारों में हीलियम व हाईड्रोजन गैस का प्रयोग होता है। दोनों गैस महंगी होती है। ऐसे में गुब्बारे वाले कार्बाइड से बनने वाली सस्ती गैस एसिटिलीन का उपयोग करते हैं। कार्बाइड बाजार में सिर्फ 100 रुपये किलो है। हाईड्रोजन गैस की कीमत ज्यादा है। एसिटिलीन गैस वाले गुब्बारे ज्यादा देर तक आकाश में नहीं रह पाते। वह जमीन पर गिर जाते हैं। इससे हादसा होना संभव है। बताया कि कैल्सियम व कार्बाइड के संयोजन से बनी एसिटिलीन गैस ज्वलनशील व घातक है।

समाज के पहरुए पर भी उठेंगे कई सवाल
अलग बात है कि अमूमन तहरीर मिलने के बाद कानूनी प्रक्रिया शुरू करने वाली पुलिस इस प्रकरण में सहादत की भांति चुप रही, लेकिन पत्नी मजीदन की दर्दनाक मौत ने सहादत को अपराध बोध से ग्रस्त किया है। समाज के पहरुए भी सवालों के कटघरे में खड़े होंगे। उन्हें बताना होगा कि आखिरकार रसोई गैस के सिलेंडर में गुब्बारे की गैस बनाने की छूट सहादत को किसने दी? सहादत चोरी-छिपे या घर में बैठ गुब्बारा नहीं बेचता है। बाजार में वह गुब्बारा बेचता है। ऐसे में उसको रोकने की कोशिश क्यों नहीं की गई? उसको कानून का पाठ पढ़ाया गया होता तो संभव था कि उसकी पत्नी मजीदन जिंदा होती।

मानपुर ग्राम प्रधान शाहिद ने बताया कि परिवार के भरण-पोषण के लिए सहादत चार वर्षों से गुब्बारा बेच रहा था। वह रसोई गैस के सिलेंडर में गुब्बारा गैस भर व्यवसाय करता था। फिलहाल ग्रामीणों को हादसे की वजह का पता नहीं लगा है।

एसपी ग्रामीण विद्या सागर मिश्र ने बताया कि गैस सिलेंडर में विस्फोट की सूचना मिली थी। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस पता लगाने में जुटी है कि किन कारणों से सिलेंडर में विस्फोट हुआ। जांच में कोई दोषी मिला तो उस पर कठोर कार्रवाई होगी।

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