मुरादाबाद: दादी की गोद में पहुंचा निपेंद्र का इकलौता लाल

मुरादाबाद: दादी की गोद में पहुंचा निपेंद्र का इकलौता लाल

मुरादाबाद, अमृत विचार। पुत्र की हत्यारोपी बहू के जेल जाने के बाद निपेंद्र की मां ने इकलौते पोते विराज को अपने कब्जे में ले लिया है। दादी से पोते के मिलन में सिविल लाइंस पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण रही। शुक्रवार को सिविल लाइंस थाने पहुंची निपेंद्र की मां ने मुकदमे की विवेचना में प्रगति से …

मुरादाबाद, अमृत विचार। पुत्र की हत्यारोपी बहू के जेल जाने के बाद निपेंद्र की मां ने इकलौते पोते विराज को अपने कब्जे में ले लिया है। दादी से पोते के मिलन में सिविल लाइंस पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण रही। शुक्रवार को सिविल लाइंस थाने पहुंची निपेंद्र की मां ने मुकदमे की विवेचना में प्रगति से संबंधित पूछताछ पुलिस से की। उधर, पुलिस हत्याकांड से संबंधित साक्ष्य एकत्र करने के लिए एक बार फिर उत्तराखंड रवाना होने की तैयारी में है।

  •  बहू की छोटी बहन के कब्जे से दादी ने लिया पोता
  • साक्ष्य एकत्र करने फिर उत्तराखंड रवाना होगी पुलिस

सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के महलकपुर माफी में ससुराल में रहने वाला निपेंद्र सिंह पांच मई की शाम अचानक लापता हो गया था। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज करने के बाद युवक की तलाश शुरू की। कुछ दिनों बाद निपेंद्र की मां ने पुत्र की हत्या होने की आशंका जताते बहू को कानून के कटघरे में खड़ा कर दिया। पूछताछ में निपेंद्र की पत्नी गीता ने स्वीकार किया कि अपने बचपन के प्रेमी नीरज के साथ मिलकर उसने निपेंद्र के अपहरण व हत्या की साजिश रची।

हत्थे चढ़े नीरज ने बताया कि पांच मई की रात दो अन्य साथियों संग मिलकर उसने निपेंद्र का गला घोंट दिया था। उत्तराखंड के गर्जिया देवी मंदिर के समीप वारदात को अंजाम देकर शव पहाड़ी से नीचे खड्ड में फेंक दिया था। नीरज व गीता के मोबाइल फोन से उनके हत्या में शामिल होने की पुष्टि हुई। पुलिस निपेंद्र के शव की तलाश में जुटी। जद्दोजहद के बाद निपेंद्र का शर्ट व शव का अवशेष पुलिस के हाथ लगा।

बरामद अवशेष डीएनए परीक्षण के लिए भेजा जा चुका है। सभी चार आरोपी फिलहाल जेल में हैं। उधर, निपेंद्र की मां कुशमेश देवी को अपने इकलौते पोते विराज की चिंता सताने लगी। वारदात वक्त विराज अपनी मां के पास था। मां के जेल जाने के बाद विराज की देखरेख उसकी मौसी रीता कर रही थी। ननिहाल में विराज की असुरक्षा से चिंतित कुशमेश ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई। फिर पुलिस ने दोनों पक्षों से बातचीत की। सहमति के बाद विराज को दादी को सौंप दिया गया।

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