मुरादाबाद : जर्जर स्कूलों में असुरक्षित नौनिहाल, ऑपरेशन कायाकल्प से भी अब तक नहीं सुधरे विद्यालयों के हालात

मुरादाबाद : जर्जर स्कूलों में असुरक्षित नौनिहाल, ऑपरेशन कायाकल्प से भी अब तक नहीं सुधरे विद्यालयों के हालात

मुरादाबाद,अमृत विचार। नगरीय क्षेत्र में किराए के भवन में चल रहे अधिकांश स्कूल वर्षों पुराने जर्जर भवन में संचालित हो रहे हैं। इसमें कभी भी हादसा होने की आशंका बनी है। मानसून से पहले शिक्षा के मंदिरों की खस्ता हालत दूर कराने के प्रयासों को गंभीरता से नहीं लिया गया। इन जर्जर स्कूलों में नौनिहाल …

मुरादाबाद,अमृत विचार। नगरीय क्षेत्र में किराए के भवन में चल रहे अधिकांश स्कूल वर्षों पुराने जर्जर भवन में संचालित हो रहे हैं। इसमें कभी भी हादसा होने की आशंका बनी है। मानसून से पहले शिक्षा के मंदिरों की खस्ता हालत दूर कराने के प्रयासों को गंभीरता से नहीं लिया गया। इन जर्जर स्कूलों में नौनिहाल खतरा मोल लेकर शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं।

बुधवार को जांच पड़ताल में कई स्कूलों की हालत खराब मिली। कहीं पुराने जर्जर स्कूलों में छत की सीलिंग का प्लास्टर उखड़ कर गिर रहा है तो कहीं दीवार जरा से झटके से हिलने लगती है। यह कभी भी गिरकर हादसे का सबब बन सकती है। मानसून से पहले जर्जर विद्यालयों की मरम्मत और किराए के भवन में संचालित स्कूल भवनों में कमियों को दुरुस्त कराने के लिए निरीक्षण करने गए बेसिक शिक्षा अधिकारी खुद इन विद्यालयों के हालात से रुबरू हो चुके हैं, लेकिन स्थिति अभी भी जस की तस है। इन जर्जर स्कूलों के हालत देखकर बच्चे पढ़ाई में मन लगाएं तो कैसे ? जब उनके सिर पर साक्षात खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में पब्लिक स्कूलों की तुलना कर बेहतर शिक्षा का दावा यहां खुद में सवाल बना है।

प्राथमिक विद्यालय बालक लालबाग
प्राथमिक विद्यालय बालक लालबाग जर्जर भवन को जमींदोज कर नया भवन बनाया जा रहा है। यहां के बच्चे प्राथमिक विद्यालय कन्या लालबाग में पढ़ने के लिए संबद्ध किए हैं। यहां भी स्थिति ठीक नहीं है। प्रधानाध्यापिका मीनू गुप्ता ने विद्यालय विकास फंड से खाली जगह में टिन शेड लगवा दिया है जिससे बच्चे यहां बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं।

प्राथमिक विद्यालय मुफ्ती टोला
प्राथमिक विद्यालय मुफ्ती टोला में स्कूल भवन जर्जर है। यहां बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। शौचालय की स्थिति भी बदहाल है। प्रधानाध्यापिका का कहना है कि यहां की स्थिति खुद बीएसए देख चुके हैं। छात्रों के बैठने के लिए जगह की कमी है।

नगर क्षेत्र के 48 विद्यालयों में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 91 करोड़ रुपये की लागत से ऐसे विद्यालयों के जीर्णोद्धार का कार्य ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत चल रहा है। निर्माण कार्य की गति काफी सुस्त होने पर कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक को पत्र लिखकर नाराजगी भी जता चुके हैं। -बुद्धप्रिय सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

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