मुरादाबाद: नशे के सौदागरों के निशाने पर पीतलनगरी के शिक्षण संस्थान

मुरादाबाद: नशे के सौदागरों के निशाने पर पीतलनगरी के शिक्षण संस्थान

मुरादाबाद, अमृत विचार। देश का भविष्य कहे जाने वाले युवा व उनके शिक्षण संस्थान नशे के सौदागारों के निशाने पर हैं। पीतल नगरी में सक्रिय नशे के कारोबारियों ने शिक्षण संस्थानों के इर्द-गिर्द अपना घना जाल बुना है। चोरी छिपे वह युवाओं तक नशे की बड़ी खेप पहुंचा रहे हैं। ऐसी कारगुजारियों में लिप्त तस्कर …

मुरादाबाद, अमृत विचार। देश का भविष्य कहे जाने वाले युवा व उनके शिक्षण संस्थान नशे के सौदागारों के निशाने पर हैं। पीतल नगरी में सक्रिय नशे के कारोबारियों ने शिक्षण संस्थानों के इर्द-गिर्द अपना घना जाल बुना है। चोरी छिपे वह युवाओं तक नशे की बड़ी खेप पहुंचा रहे हैं। ऐसी कारगुजारियों में लिप्त तस्कर पूर्व में कई बार पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं।

यहां तक कि सट्टा व नशे के कारोबार पर वर्षों तक राज करने वाली हसीना दस वर्ष कैद की सजा भी भुगत रही है। कानून की सख्ती के बार भी नशे की खेप मंगाने व इसे महानगर में खपाने वालों का तिलिस्म पूरी तरह टूट नहीं सका। जबकि काला कारोबार युवाओं के भविष्य व स्वास्थ्य से खुला खिलवाड़ कर रहा है।

यह छिपी बात नहीं कि शासन युवाओं के स्वास्थ्य व उनके भविष्य को लेकर बेहद संजीदा है। युवाओं का भविष्य संवारने की कवायद में ही सरकार फिट इंडिया जैसे अभियान चला रही है। नशामुक्ति अभियान के साथ ही युवाओं को सरकारी व गैर सरकारी संगठनों की मदद से नशे से दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। फिर भी नशे के सौदागरों का मकड़जाल कटने का नाम नहीं ले रहा। ऐसे हालात तब हैं जब पुलिस लगातार काले कारोबारियों के खिलाफ अभियान चलाने का दावा करती है।

पुलिस के बीते तीन वर्ष आंकड़े पर गौर करें। 2020 में 91, 21 में 46 व 22 में 57 आरोपियों का चालान पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत किया। सभी पर नशे के कारोबार में लिप्त होने का आरोप है। नशे के कारोबार पर करारा प्रहार करते हुए नशे की क्वीन हसीना के खिलाफ पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। उसके घर की कुर्की तक हुई।

कोर्ट ने नशे के कारोबार में लिप्त महिला को दोषी करार देते हुए उसे दस वर्ष की सजा तक सुनाई। फिलहाल हसीना जेल की हवा खा रही। इसके बावजूद नशे का सामान शहर तक बेधड़क पहुंच रहा। गलियों ही नहीं बल्कि स्कूलों व शिक्षण संस्थानों के आसपास कानून की आंख में धूल झोंकते हुए नशीले इंजेक्शन व पदार्थ बेचे जा रहे हैं। ऐसे ही एक आरोपी को सिविल लाइंस पुलिस ने एक सप्ताह पूर्व गिरफ्तार कर जेल भेजा। पूछताछ में आरोपी ने कबूला कि वह स्कूली छात्रों के बीच चरस बेचने की जुगत लगा रहा था।

नशे के कारोबार की तह तक पड़ताल करने पर पर्दे के पीछे की तस्वीर साफ होती है। संकेत मिलते हैं कि संगठित माफिया गिरोह बनाकर नशीले पदार्थों की तस्करी करा रहे हैं। चरस व स्मैक के कारोबार में लिप्त हसीना इकलौती लेडी माफिया नहीं है। नशे के कारोबार की लगाम और भी कई हाथों में है। उन तक पहुंचना व कारोबार की जड़ पर प्रहार करना पुलिस के लिए चुनौती है। क्योंकि कारोबार में महिलाओं व बच्चों तक का इस्तेमाल हो रहा है। पुलिस की नजरों से बचने की कोशिश में महिलाएं, दिव्यांग व वृद्ध लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

महानगर में नशीले पदार्थों पर प्रभावी अंकुश लगाने को लेकर पुलिस पूरी तरह प्रतिबद्ध है। बीते दिनों में कई आरोपी कानून के हत्थे चढ़े। नशे के अवैध कारोबार में लिप्त लोगों की असल जड़ की तलाश जारी है। माफिया चाहे जो हों, उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। -हेमंत कुटियाल, एसएसपी

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