मुरादाबाद : डिजिटल इंडिया के भी ध्वजवाहक बने माशिप के कॉलेज

मुरादाबाद : डिजिटल इंडिया के भी ध्वजवाहक बने माशिप के कॉलेज

विनोद श्रीवास्तव, अमृत विचार। माध्यमिक शिक्षा परिषद के कॉलेज अब केवल शिक्षा के केंद्र नहीं डिजिटल इंडिया के ध्वजवाहक हैं। इन कॉलेजों में जहां ई- लाइब्रेरी पोर्टल से प्रतियोगी परीक्षाओं, स्टार्ट अप की जानकारी मिल रही है। वहीं, हर कॉलेज के वेब पेज भी बन गए हैं। जिले में भी 432 कॉलेज आधुनिक तकनीक से …

विनोद श्रीवास्तव, अमृत विचार। माध्यमिक शिक्षा परिषद के कॉलेज अब केवल शिक्षा के केंद्र नहीं डिजिटल इंडिया के ध्वजवाहक हैं। इन कॉलेजों में जहां ई- लाइब्रेरी पोर्टल से प्रतियोगी परीक्षाओं, स्टार्ट अप की जानकारी मिल रही है। वहीं, हर कॉलेज के वेब पेज भी बन गए हैं। जिले में भी 432 कॉलेज आधुनिक तकनीक से पूर्ण होकर शिक्षा को नई दिशा देने में तत्पर हैं।

जिले में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद से संचालित 432 इंटर कॉलेज हैं। इसमें 33 राजकीय इंटर कॉलेज, 54 अशासकीय सहायता प्राप्त और 345 वित्त विहीन विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत केवल शिक्षा ही नहीं दी जा रही है बल्कि यह कॉलेज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया के सपने के ध्वजवाहक बनकर आगे बढ़ रहे हैं। इंटर कॉलेजों की पहुंच पोर्टल से मैपिंग हो रही है तो कॅरियर काउंसिलिंग के लिए भी पोर्टल बनाया गया है।

कॉलेजों का वेब पेज भी है। इस सत्र से तो नया प्रयोग करते हुए बोर्ड की 10वीं और 12वीं के छात्रों का पूरा विवरण आनलाइन कर उनके स्वयं और कॉलेज के लिंक पर उपलब्ध कराई जा रही है। हर कॉलेज के छात्र छात्राओं और शिक्षकों की संख्या भी दर्ज रहेगी। वहीं परख पोर्टल के माध्यम से किए गए निरीक्षणों की जानकारी भी वेबसाइट पर अपलोड की जा रही है।

इस नई तकनीक आधारित शिक्षा प्रणाली की ही देन रहा कि इस साल यूपी बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में जिले के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज लाइन पार की छात्रा ने बालिका वर्ग में प्रदेश टॉपर होने का गौरव हासिल किया। जबकि वह प्रदेश में संयुक्त रूप से दूसरी रैंक पर भी आई। इंटर के प्रदेश के टॉपरों में भी ग्रामीण क्षेत्र के एक वित्त विहीन कॉलेज के दो छात्रों ने अपना नाम शामिल करा कर पीतल नगरी के नाम से जाने वाले मुरादाबाद को प्रदेश के पटल पर शिक्षा के केंद्र के रूप में भी स्थापित किया।

बायोमेट्रिक उपस्थिति और स्मार्ट क्लास भी : माध्यमिक इंटर कॉलेजों में से कई में अब शिक्षकों के अलावा छात्रों की भी बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने की व्यवस्था की गई है। डिजिटल स्क्रीन पर स्मार्ट क्लास भी कई कॉलेजों में चल रहा है। आने वाले दिनों में संख्या बढ़ती ही जाएगी।

प्रदेश सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजना अंतर्गत माध्यमिक शिक्षा परिषद से संचालित कॉलेजों में तकनीक आधारित शिक्षा प्रणाली अपनाई गई है। स्कूलों के वेब पेज भी माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इससे स्कूल के विषय में पूरी जानकारी मिल सकेगी। बायोमेट्रिक अटेंडेंस, स्मार्ट क्लास के माध्यम से अब इन कॉलेजों में ज्ञान ही नहीं स्मार्ट शिक्षा की अवधारणा बढ़ी है। -डॉ. अरुण कुमार दुबे, जिला विद्यालय निरीक्षक

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