मुरादाबाद : जाति-धर्म की तोड़ दीवार, हिंदू-मुस्लिम मिलकर मनाते हैं त्योहार

मुरादाबाद : जाति-धर्म की तोड़ दीवार, हिंदू-मुस्लिम मिलकर मनाते हैं त्योहार

मुरादाबाद, अमृत विचार। रंगों के त्योहार होली के अब तीन दिन ही बचे हैं। सौहार्द और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने वाले इस त्योहार में दुश्मन भी एक-दूसरे को गले लगाते हैं। बच्चों के इस त्योहार का बड़े भी जमकर आनंद उठाते हैं। हर साल होली नजदीक आते ही लोग उसे मनाने की तैयारी शुरू …

मुरादाबाद, अमृत विचार। रंगों के त्योहार होली के अब तीन दिन ही बचे हैं। सौहार्द और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने वाले इस त्योहार में दुश्मन भी एक-दूसरे को गले लगाते हैं। बच्चों के इस त्योहार का बड़े भी जमकर आनंद उठाते हैं। हर साल होली नजदीक आते ही लोग उसे मनाने की तैयारी शुरू कर देते हैं। हिन्दू समाज ही नहीं बल्कि मुस्लिम युवा भी होली का बेसब्री से इंतजार करते हैं। जिससे वह अपने हिन्दू दोस्तों के साथ जमकर अबीर-गुलाल उड़ाएं।

मुरादाबाद में तमाम ऐसे परिवार हैं जो हर साल जाति-धर्म की दीवार को तोड़कर आपस में मिलकर त्योहार मनाते हैं। रंगों की मस्ती में सराबोर होने वाले मुस्लिम युवाओं के परिजनों को भी कोई ऐतराज नहीं होता है। उनका कहना है कि जब हिन्दू दोस्त हमारे यहां ईद-बकरीद की मुबारकबाद देने आ सकते हैं। तो हम क्यों नहीं उनके त्योहार में शामिल हो सकते हैं। हालांकि इन त्योहारों में किसी को गुझिया तो किसी की सेवई की मिठास एक-दूसरे के करीब खींच लाती है। हालांकि होली वाले दिन शब-ए-बरात का पर्व भी है।

बचपन में मस्ती अब प्रेम के लगाते हैं रंग
किसरोल के रहने वाले फैजल सेनेट्री का काम करते हैं। उनका कहना है कि जब से होश संभाला है, रंगों के इस त्योहार में शामिल होते हैं। हालांकि बचपन में दोस्तों के साथ खूब मस्ती करते थे, लेकिन अब यह आपसी प्रेम हो गया है। बताया कि मोहल्ले में हिन्दू और मुस्लिम बराबर की संख्या में हैं। आज तक कभी आपस में कोई विवाद नहीं हुआ। दोनों धर्म के लोग एक-दूसरे के त्योहार में हंसी-खुशी शामिल होते हैं।

दोस्तों को रंग लगाकर देते हैं बधाई
लालबाग निवासी किशन बजाज अपनी दुकान चलाते हैं। बताया कि मित्रों के साथ पिछले कई वर्षों से होली खेलता आ रहा हूं। मेरी दुकान पर भी मुस्लिम लोग काम करते हैं। वह भी होली खेलते हैं। कहा कि दिन निकलते ही अपने दोस्तों के घर होली खेलने के लिए पहुंच जाते हैं।

इस बार भी आदिल संग खेलूंगा होली
नवाबपुरा के निवासी शिवम का कहना है कि हमारे मोहल्ले में हिंदू-मुस्लिम दोनों ही परिवार रहते हैं। जब से होश संभाला है तब से अपने दोस्त आदिल के साथ होली खेलते आ रहे हैं। बताया कि इस बार दोनों समुदाय के लोग आपस में होली खेलेंगे।

कॉलेज के प्रोफेसर व छात्रों के साथ खेली होली
बुद्धिविहार निवासी तल्हा एमआईटी में प्रोफेसर हैं। उनका कहना है कि पिछले 25 सालों से बुद्धिविहार में रह रहे हैं। बचपन से आज तक हिंदू परिवारों के साथ होली का पर्व मनाते आ रहे हैं। हालांकि इस बार भी कॉलेज के प्रोफेसर व छात्रों के साथ होली खेली है।

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