मुरादाबाद : जिले में कोरोना के 39202 केस, फिर भी जांच में ढिलाई

मुरादाबाद : जिले में कोरोना के 39202 केस, फिर भी जांच में ढिलाई

मुरादाबाद,अमृत विचार। जिले में कोरोना संक्रमण की चपेट में अबतक 39202 लोग आ चुके हैं। कोरोना ने 349 जिंदगियां लील ली हैं। बावजूद इसके न तो स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार जांच कराने को गंभीर हैं और न लोग टीकाकरण के प्रति संजीदा हैं। डीएम की सख्ती पर जब राशन मिलने पर रोक लगी तो फिर …

मुरादाबाद,अमृत विचार। जिले में कोरोना संक्रमण की चपेट में अबतक 39202 लोग आ चुके हैं। कोरोना ने 349 जिंदगियां लील ली हैं। बावजूद इसके न तो स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार जांच कराने को गंभीर हैं और न लोग टीकाकरण के प्रति संजीदा हैं। डीएम की सख्ती पर जब राशन मिलने पर रोक लगी तो फिर लाइन लंबी होने लगी।

मार्च 2020 से लेकर अब तक जिले में 39202 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं। इसमें 349 की जिंदगी भी खत्म हो चुकी है। लेकिन पिछले कई महीने से जांच के नाम पर स्वास्थ्य महकमा ढिलाई बरत रहा है। सार्वजनिक स्थलों, राजनीतिक धार्मिक आयोजनों में जांच के इंतजाम नदारद हैं। मोबाइल टीमों को भले ही थाने, कोतवाली, ब्लॉक और तहसील मुख्यालय पर तैनात कर जांच करने की बात की जा रही है, लेकिन यह कागजी अधिक है, क्योंकि धरातल पर न टीमें दिखती हैं न सार्वजनिक स्थलों पर जांच करने वाले स्वास्थ्यकर्मी।

अगस्त, सितंबर में जो जांच की गई उसमें एंटीजन टेस्ट पर ही अधिक जोर दिया गया। हालांकि एंटीजन टेस्ट को विभाग खुद प्रामाणिक नहीं मानता है, वह आरटीपीसीआर जांच के आधार पर ही केस रिकार्ड बनाता है। मार्च 2020 से अब तक 714284 का एंटीजन और 801116 की आरटीपीसीआर जांच कराई गई है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एमसी गर्ग का कहना है कि कोरोना जानलेवा है। केस भले ही कम हों या नहीं आ रहे हैं, लेकिन इसको लेकर सतर्कता जरूरी है। भीड़ या सार्वजनिक आयोजनों में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही सभी के लिए खतरनाक है।

अक्टूबर में दो, नवंबर में अबतक एक भी केस नहीं
जिले में अक्टूबर में दो कोविड मरीजों की पुष्टि हुई है। जबकि नवंबर में अब तक एक भी कोराना मरीज सामने नहीं आया। जिले के कोरोना फ्री होने से चिकित्साधिकारी और स्वास्थ्यकर्मी बेफिक्र हो गए हैं।

राजनीतिक व धार्मिक आयोजनों में भीड़, जांच के लिए हेल्प डेस्क नहीं
कोरोना के कहर से कई की जिंदगी जाने के बाद भी त्योहारों, राजनीतिक धार्मिक आयोजनों को लेकर खुद स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार गंभीर नहीं हैं। ऐसे आयोजनों में हजारों की भीड़ होने के बाद भी कोविड हेल्प डेस्क नदारद है। हालांकि अब जिला मजिस्ट्रेट ने 22 नवंबर से 2 जनवरी 2020 तक निषेधाज्ञा लागू कर ऐसे आयोजनों में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने, सामाजिक दूरी का पालन करने और घर से बाहर निकलने पर मास्क अनिवार्य रूप से लगाने का आदेश दिया है। लेकिन, इसका पालन विभाग और आमजन कितना करेंगे यह तो वक्त ही बताएगा।

यह रही केस की स्थिति
अप्रैल में जांच के लिए 10,9602 सैंपल, 16101 पाजिटिव केस
मई में लिए गए 26599 सैंपल, केस 10347
जून में 130 केस
जुलाई में 16
अगस्त में आठ।

 

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