मिशन 2022: ब्राह्मण वोटरों को साधने के लिए भगवान परशुराम की शरण में सियासी दल

मिशन 2022: ब्राह्मण वोटरों को साधने के लिए भगवान परशुराम की शरण में सियासी दल

लखनऊ। यूपी में चुनावी बिसात पूरी तरह से सज चुकी है। हालांकि अभी निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखें तो घोषित नहीं की है लेकिन विभिन्न राजनीतिक दल पूरी तरह से चुनावी दंगल में उतर चुके है। तमाम तरह के दांव-पेंच आजमाएं जा रहे है तो जातीय नफा-नुकसान भी देख जा रहा है। समाजवादी पार्टी …

लखनऊ। यूपी में चुनावी बिसात पूरी तरह से सज चुकी है। हालांकि अभी निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखें तो घोषित नहीं की है लेकिन विभिन्न राजनीतिक दल पूरी तरह से चुनावी दंगल में उतर चुके है। तमाम तरह के दांव-पेंच आजमाएं जा रहे है तो जातीय नफा-नुकसान भी देख जा रहा है। समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच ब्राह्मण वोटरों को अपने पाले में करने के लिए ब्राह्मणों के आराध्य भगवान परशुराम की प्रतिमाओं का अनावरण करने की होड़ शुरू हो गई है।

इसी क्रम में यूपी में भाजपा का ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा कल 7 जनवरी को राजधानी लखनऊ के कृष्णा नगर स्थित सहसावीर मंदिर में भगवान परशुराम की मूर्ति का अनावरण करेंगे। प्रतिमा को भाजपा सांसद प्रो. रीता बहुगुणा जोशी द्वारा बनवाया गया है। प्रतिमा के अनावरण के लिए विशिष्ट अतिथि उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के साथ प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक, सांसद शिव प्रताप शुक्ला, सांसद रामभाई मोकरिया, विधायक नीरज बोरा तथा लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया मौजूद रहेंगे।

इसके पहले भाजपा ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने के लिए सांसद शिव प्रताप शुक्ला के नेतृत्व में यूपी के 16 ब्राह्मण नेताओं की एक टीम बनाकर उन्हें अपने-अपने क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी है। यह सभी नेता अपने-अपने क्षेत्र में अपने समुदाय के नेताओं से मिलेंगे और भाजपा द्वारा किए गए कार्यों की उन्हें जानकारी देंगे साथ ही दल से जुड़ने की अपील भी करेंगे। दरअसल, विपक्षी दल सपा, बसपा और कांग्रेस, कानपुर के बिकरू कांड के बाद से ही योगी सरकार की ब्राह्मण विरोधी होने की छवि बनाने में जुट गई थी।

सरकार की इस ब्राह्मण विरोधी छवि को भुनाते हुए सपा ने जहां गोरखपुर के कुशल तिवारी, विनय शंकर तिवारी, अंबेडकरनगर के पूर्व बसपा सांसद राकेश पांडे, गोंडा के संतोष तिवारी और प्रतापगढ़ के बृजेश मिश्र सौरभ समेत कई ब्राह्मण नेताओं को पार्टी में शामिल किया तो वहीं बीते दिनों सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोसाईगंज में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे परशुराम मंदिर का अनावरण किया था। यह मंदिर सपा के पूर्व विधायक संतोष पांडे और अन्य ब्राह्मण नेताओं के सहयोग से बनाया गया।

इधर, बहुजन समाज पार्टी के महासचिव और मायावती के सबसे भरोसेमंद सतीश चंद्र मिश्रा भी ब्राह्मणों को रिझाने के लिए सबसे पहले प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन किया। बसपा ब्राह्मणों को ज्यादा से ज्यादा टिकट देने की भी बात कर रही है। अब देखना यह होगा कि ब्राह्मण किस पर भरोसा कर अपना मत देते हैं। क्योंकि यूपी में इनकी संख्या भले ही 12 फ़ीसदी हो लेकिन प्रबुद्ध वर्ग होने के कारण माना जाता है कि ब्राह्मण जिस ओर जायेगा सरकार उसी की बनेगी।

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