पदक ने हमें गौरव और खुशी से भर दिया : ज्योति

पदक ने हमें गौरव और खुशी से भर दिया : ज्योति

नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेल 2022 में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की युवा खिलाड़ी ज्योति ने शनिवार को कहा कि कांस्य पदक की जीत ने उन्हें गौरव और खुशी की भावना से भर दिया है। गौरतलब है कि भारत ने कांस्य पदक मैच में गोल्डकोस्ट 2018 खेलों की विजेता न्यूज़ीलैंड को मात …

नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेल 2022 में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की युवा खिलाड़ी ज्योति ने शनिवार को कहा कि कांस्य पदक की जीत ने उन्हें गौरव और खुशी की भावना से भर दिया है। गौरतलब है कि भारत ने कांस्य पदक मैच में गोल्डकोस्ट 2018 खेलों की विजेता न्यूज़ीलैंड को मात देकर 16 साल बाद राष्ट्रमंडल पदक जीता था।

ज्योति ने ऐतिहासिक राष्ट्रमंडल अभियान के बारे में बात करते हुए कहा कि राष्ट्रमंडल खेल मेरे लिये महत्वपूर्ण थे क्योंकि मैं पहली बार किसी ऐसे आयोजन में हिस्सा ले रही थी जहां तमाम तरह की प्रतियोगिताएं होती हैं। कांस्य पदक की जीत ने हमें गौरव और खुशी की भावना से सराबोर कर दिया और यह टीम से जुड़े सभी लोगों के प्रयासों का असली इनाम है। पदक ने मेरे लिये इस अभियान को दोगुना खास बना दिया।

भारतीय महिलाओं ने जहां ग्रुप स्टेज में घाना, वेल्स और कनाडा को हराया था, वहीं इंग्लैंड के खिलाफ उन्हें हार मिली थी। सोनीपत से आने वाली ज्योति ने कहा कि खेलों का मेरा पूरा अनुभव शानदार था। हमने ग्रुप स्टेज में घाना, वेल्स और इंग्लैंड के खिलाफ अपना मैच जीता मगर इंग्लैंड से हार गये। मुझे यह भी समझ आया कि जीत और हार हर टूर्नामेंट का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

लोगों को राष्ट्रमंडल खेल 2022 में हमसे पदक की उम्मीद नहीं थी। लेकिन, हम बाहरी लोगों के संदेह के बावजूद कांस्य पदक जीतने में कामयाब रहे। यह उपलब्धि इसलिये भी खास है क्योंकि हमने सबकी उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया। महिला हॉकी की युवा खिलाड़ी ने टीम का हिस्सा बनने के बाद से अपने सफर के बारे में कहा कि खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ ने मुझे अपना खेल सुधारने में काफी मदद की है। अब मैं गेंद को अपने अधीन रखने में बहुत बेहतर महसूस करती हूं और मेरी मूवमेंट में बहुत ज्यादा सुधार आया है। कोचिंग स्टाफ ने भी मुझे कुछ अलग करने और मैदान पर रचनात्मक होने के लिये आत्मविश्वास प्रदान किया है।

ज्योति ने मुख्य कोच जैनेक शॉपमैन के बारे में कहा कि जैनेक ने मुझे अपना खेल सुधारने में बहुत मदद की है। उन्होंने मुझे खेल को अपने लिये आसान बनाने में मदद की है। अब मैं गेंद को देखकर विचार में नहीं डूब जाती बल्कि उसे तेजी से चलाने पर ध्यान देती हूं। अभ्यास सत्र में उनके दृष्टिकोण ने मेरी क्षमताओं को उजागर किया है। ज्योति ने कहा कि बर्मिंघम 2022 उनके जीवन में अब तक का सबसे बड़ा आयोजन था। उन्होंने कहा कि उनके ऊपर काफी दबाव था लेकिन वरिष्ठ खिलाड़ियों ने तनाव से निपटने में उनकी मदद की और उनका मार्गदर्शन किया। ज्योति ने कहा कि भारतीय महिला हॉकी टीम का सदस्य होना मेरे लिये गर्व की बात है, और मुझे उम्मीद है कि हम अपने खेल में सुधार करते रहें और अगले टूर्नामेंट में इससे भी बेहतर प्रदर्शन करें।

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