हल्द्वानी: बेस अस्पताल में मशीनें डायलिसिस पर, 12 मशीनें खराब, 22 से चल रहा जोड़तोड़ से काम

हल्द्वानी: बेस अस्पताल में मशीनें डायलिसिस पर, 12 मशीनें खराब, 22 से चल रहा जोड़तोड़ से काम

हल्द्वानी, अमृत विचार। बेस अस्पताल के सेंटर में डायलिसिस कराना किसी बड़े खतरे से कम नहीं है क्योंकि अधिकांश मशीनें खराब हो चुकी हैं तो बाकी में जोड़तोड़ से काम चलाया जा रहा है। किसी मरीज के डायलिसिस के समय यह मशीनें कब बंद हो जाएं, कहा नहीं जा सकता। बेस अस्पताल में तकरीबन दस …

हल्द्वानी, अमृत विचार। बेस अस्पताल के सेंटर में डायलिसिस कराना किसी बड़े खतरे से कम नहीं है क्योंकि अधिकांश मशीनें खराब हो चुकी हैं तो बाकी में जोड़तोड़ से काम चलाया जा रहा है। किसी मरीज के डायलिसिस के समय यह मशीनें कब बंद हो जाएं, कहा नहीं जा सकता।

बेस अस्पताल में तकरीबन दस साल पहले डायलिसिस सेंटर की स्थापना की गई थी। सरकार ने इसका संचालन निजी कंपनियों को सौंप दिया था। वर्तमान में नेफ्रो प्लस डायलिसिस सेंटर इसका संचालन कर रही है। सरकार ने इस सेंटर में आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए मुफ्त डायलिसिस की सुविधा दी है। शुरुआत में 12 मशीनें इस सेंटर को दी थीं। जबकि 22 मशीनें कंपनी ने अपने संसाधनों से लगाई थीं। सरकारी मशीनें तो साल भर पहले खराब हो चुकी हैं। कंपनी की मशीनें भी रामभरोसे चल रही है। डायलिसिस कराने वाले मरीजों के परिजनों का कहना है कि रोजाना ही इन मशीनों में दिक्कत रहती है। केंद्र में 242 मरीज पंजीकृत हैं। रोजाना तकरीबन 70 मरीजों का डायलिसिस किया जाता है।

साल भर से चल रहा पत्राचार
सेंटर संचालक महेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार की ओर से मार्च 2021 में नई मशीनें देने को कहा गया था। बार-बार पत्राचार के बाद भी नयी मशीनें नहीं मिल सकी हैं। हालांकि कंपनी की ओर से अगले महीने तक नई मशीनें आने की उम्मीद है।