लखनऊ: पुलिस मॉर्डन स्कूल में सालों से पढ़ा रहे शिक्षकों को बिना नोटिस हटाया, नौकरी के लिए चक्कर काट रहे परिजन

लखनऊ: पुलिस मॉर्डन स्कूल में सालों से पढ़ा रहे शिक्षकों को बिना नोटिस हटाया, नौकरी के लिए चक्कर काट रहे परिजन

लखनऊ। राजधानी के 35 वाहिनी पीएसी में आज एक महिला बेहोश होकर गिर गयी, महिला पीएसी के कमांडेंट से गुहार लगाने पहुंची थी, हालांकि पीएसी प्रशासन की तरफ से तत्काल महिला को प्राथमिक उपचार मुहैया कराया गया। महिला का स्वास्थ्य ठीक बताया जा रहा है। लेकिन जिस समस्या को लेकर महिला पीएसी के अधिकारियों से …

लखनऊ। राजधानी के 35 वाहिनी पीएसी में आज एक महिला बेहोश होकर गिर गयी, महिला पीएसी के कमांडेंट से गुहार लगाने पहुंची थी, हालांकि पीएसी प्रशासन की तरफ से तत्काल महिला को प्राथमिक उपचार मुहैया कराया गया। महिला का स्वास्थ्य ठीक बताया जा रहा है। लेकिन जिस समस्या को लेकर महिला पीएसी के अधिकारियों से गुहार लगाने पहुंची थी, लेकिन उसका समाधान नहीं हो सका है।

दरअसल, पूरा मामला गोमती नगर स्थित पुलिस मॉर्डन स्कुल से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। जहां पर सालों से संविदा पर तैनात पांच शिक्षकों को हटा दिया गया है, हटाये गये शिक्षकों का आरोप है कि बिना नोटिस दिए अचानक उनकी संविदा समाप्त कर दी गयी है। हटाये गये सभी पांच शिक्षक सालों से पुलिस मार्डन स्कूल से पढ़ाने का काम कर रहे थे।

इन्हीं में से एक शिक्षक गजेन्द्र मिश्रा की पत्नी पूनम मिश्रा 35वीं वाहिनी के कमांडेट से मिलकर उचित कार्रवाई की मांग करने पहुंची थीं। पुलिस बेलफेयर सोसाइटी द्वारा संचालित पुलिस मार्डन स्कूल का प्रबंधन कार्य 35 वीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक की देखरेख में होता है।

पुलिस मार्डन स्कूल में करीब 20 सालों से अध्यापन का कार्य कर रहे शिक्षक नवनीत कुमार की संविदा कुछ दिन पूर्व समाप्त कर दी गयी है। नवनीत कुमार का आरोप है कि बिना किसी पूर्व सूचना के उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया,जिससे उनके परिवार पर आर्थिक संकट टूट पड़ा है, कई बार अधिकारियों से गुहार लगायी गयी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

शिक्षक गजेंद्र मिश्रा बताते हैँ कि बीते एक महीने से पीएसी के अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं,लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हो रही है। आरोप है कि बिना नोटिस दिये हमारी संविदा समाप्त कर दी गयी। उनका आरोप है कि जिस पत्र के माध्यम से हमलोगों को हटाया गया, उस पर स्कूल के प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर हैं, जबकि रखने व हटाने का निर्णय 35 वीं वाहिनी पीएसी के कमांडेट द्वारा लिया जाता है।

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