लखनऊ: क्वीन मैरी अस्पताल में नवजात बच्चों की जान से खिलवाड़, गर्मी और भूख से बिगड़ रही हालत

लखनऊ: क्वीन मैरी अस्पताल में नवजात बच्चों की जान से खिलवाड़, गर्मी और भूख से बिगड़ रही हालत

लखनऊ। स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के सरकारी अस्पालों में निरीक्षण कर बेहतर सुविधाएं देने के लिए जारी निर्देशों की अनदेखी करने के मामले अस्पतालों में लगातार देखने को मिल रहा है। क्वीनमैरी महिला चिकित्सालय में तो लापरवाही ज्यादा ही है। नवजात के जन्म लेने के बाद सुरक्षित कमरों में रखने की बजाए पिता, रिश्तेदारों के …

लखनऊ। स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के सरकारी अस्पालों में निरीक्षण कर बेहतर सुविधाएं देने के लिए जारी निर्देशों की अनदेखी करने के मामले अस्पतालों में लगातार देखने को मिल रहा है। क्वीनमैरी महिला चिकित्सालय में तो लापरवाही ज्यादा ही है। नवजात के जन्म लेने के बाद सुरक्षित कमरों में रखने की बजाए पिता, रिश्तेदारों के साथ बाहर निकाल दिया जाता है। रविवार को दिन में करीब 11 बजे अमृत विचार टीम महिला अस्पताल पहुंची तो दिल को झकझोर देने वाला नजारा देखने को मिला।

पिता अपने नवजात को लेकर बैठा हुआ था उससे कोई यह पूछने वाला नहीं कि वह अंदर जाकर बैठ जाए। नवजात की हालत खराब हो सकती है। वहीं अस्पताल प्रबंधन से जब इस बारे बात की गई तो बताया कि हर महिला का प्रसव ऑपरेशन से होता है। जन्म लेने के बाद नवजात को ओटी से बाहर निकाल दिया जाता है। वहीं मां का दूध पिलाने की बजाए पिता को बाहर से दूध मंगवाकर पिलाना पड़ता है। जो स्वास्थ्य के लिए बेहद ही नुकसानदेह है। क्वींसमैरी में जिस तरह से नवजात की जान को जोखिम में डाला जा रहा है वह दुखद है।

तीमारदारों को बैठने की सुविधा नहीं

नवजात के जन्म लेने के बाद तीमारदारों को अस्पताल के अंदर बैठने के लिए कुर्सियां नहीं हैं और जगह भी कम पड़ जा रही है। सालों पुराने पंखे यहां गरम हवा से लोगों को और भी बीमार बना रहे हैं। गेट पर तैनात गार्डों का रवैया ठीक नहीं है। यदि किसी ने वरिष्ठ डॉक्टरों से शिकायत की तो उल्टे उसी को खरी-खोटी सुना दी जाती है।
भर्ती करने पर हंगामा

काकोरी निवासी सोनी कश्यप के पति रितेश बताते हैं कि वह शनिवार को देर रात पत्नी को लेकर क्वीन मैरी अस्पताल पहुंचे थे। डॉक्टरों ने भर्ती करने से इन्कार कर दिया। बहुत मिन्नतों के बाद राजी हुए तो रविवार सुबह 4 बजे प्रसूता को भर्ती किया। दर्द में तड़प रही पत्नी से मिलने के लिये की कोशिश की तो मना कर दिया। अस्पताल स्टॉफ के बर्बर रवैये का वीडियो बनाने की कोशिश की तो फोन छीन लिया। वहां मौजूद गार्ड अभद्रता पर उतर आया। सुबह करीब 5:30 पर बच्ची का जन्म हुआ तो डॉक्टरों ने वॉर्मर रूम में रखने की बजाए बाहर निकाल दिया।

जुड़वां बच्चों को बाहर निकाला

बाराबंकी निवासी कल्पना वर्मा की ननद सुमिता ने बताया कि बीते शुक्रवार को भाभी ने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। प्रसव के बाद ही बच्चों को वार्ड से बाहर कर दिया गया। बच्चे भूख से बिलखते हैं तो उन्हें बड़ी मुश्किल से दूध पिलाने के लिये मां के पास ले जाने देते हैं।
ऑपरेशन से हुई बच्ची पानी को तरस रही मां

बछरावां निवासी लक्ष्मी को ऑपरेशन से बच्ची हुई है। प्रसूता की ननद का आरोप है की सुबह से ही किसी को मिलने नही दिया जा रहा है। गेट पर से ही गार्ड भगा देते हैं। भाभी को प्यास लगी है उनका मुंह सूख गया है, वह लगातार आवाजें दे रही हैं लेकिन हमें अंदर जाने नहीं दे रहे हैं। बच्ची को बाहर दे दिया है गर्मी से उसकी भी तबियत बिगड़ रही है।

वहीं जब इस मामले पर क्वीनमैरी अस्पताल की विभागाध्यक्ष उमा सिंह से बात की तो वह सिर्फ इस बात पर भड़क उठीं कि रविवार का दिन है। जिसे भी मिलना हो वह कार्ड लेकर आये तभी मिल सकेगा। वहीं सीएमओ मनोज अग्रवाल ने यह कहते हुये अपना पल्ला झाड़ लिया कि यह मामला मेडिकल कॉलेज का है वह हमारे अंडर में नहीं आता है।

यह भी पढ़ें:-हरदोई: जिला महिला अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों ने बेच डाला ईमान, महिला के शव से गायब कर दिये सोने के कुंडल