लखनऊ: दो साल में पांच करोड़ खर्च फिर भी नहीं हुआ कायाकल्प, ये है राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह का हाल

शबाहत हुसैन विजेता, अमृत विचार लखनऊ। राजधानी का राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह रंगकर्मियों के लिए सबसे पसंदीदा प्रेक्षागृह रहा है। जिस दौर में यह प्रेक्षागृह बना था तब रवीन्द्रालय के अलावा शहर में कोई और विकल्प भी नहीं था। उमानाथ बली की अपेक्षा रवीन्द्रालय बहुत महंगा था, इस वजह से भी रंगकर्मियों का आकर्षण इस …

शबाहत हुसैन विजेता, अमृत विचार
लखनऊ। राजधानी का राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह रंगकर्मियों के लिए सबसे पसंदीदा प्रेक्षागृह रहा है। जिस दौर में यह प्रेक्षागृह बना था तब रवीन्द्रालय के अलावा शहर में कोई और विकल्प भी नहीं था। उमानाथ बली की अपेक्षा रवीन्द्रालय बहुत महंगा था, इस वजह से भी रंगकर्मियों का आकर्षण इस प्रेक्षागृह पर था। धीरे-धीरे लखनऊ में तमाम प्रेक्षागृह बनते चले गए मगर 33 साल तक रंगकर्मियों के लिए ये सबसे पसंदीदा प्रेक्षागृह रहा। साल 2020 में सरकार ने इसके कायाकल्प बदलने का बीड़ा उठाया। दो साल गुजर गए मगर अभी तक काम रफ्तार नहीं पकड़ सका। उधर, भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह को अपना हिस्सा बनाना चाहता है। भातखंडे को अभी तक स्थाई कुलपति नहीं मिला है इसलिए वह शासन से लिखापढ़ी नहीं कर पा रहा है लेकिन उसे पता है कि संस्कृति विभाग और प्रदेश में सरकार दोनों ही इस डिमांड को आसानी से मान लेंगे। इस वजह से यहां के काम को भातखंडे की मंशा देखते हुए धीरे-धीरे किया जा रहा है।

पूर्व सीएम वीर बहादुर सिंह ने किया था उद्घाटन
कैसरबाग इलाके में बनाये गए इस प्रेक्षागृह के शुरुआती दौर में पंखे नहीं थे। गर्मियों में दिक्कत होती थी लेकिन शायद ही कोई दिन ऐसा रहता हो जब यह प्रेक्षागृह खाली रहता हो। मंच पर लगा पर्दा भी खराब हो चुका था। रोजाना बुक रहने वाले प्रेक्षागृह में नया पर्दा लगाने तक की किसी को फ़िक्र नहीं थी। 27 मार्च 1987 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह ने इसका उद्घाटन किया था। उन दिनों संस्कृति के विकास के लिए चिंतित रहने वाले पद्मश्री दया प्रकाश सिन्हा संस्कृति विभाग के निदेशक थे। दीपा कौल संस्कृति विभाग की राज्यमंत्री थीं। दीपा कौल में सांस्कृतिक कार्यों के लिए काफी उत्साहित रहती थीं। मुलायम सिंह यादव के दौर में सैफई महोत्सव के मंच के लिए शानदार पर्दे बनवाये गए थे। सैफई महोत्सव खत्म हो गया तो वह पर्दे राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में लगा दिए गए। वही पर्दे अब तक लगे हैं।

दो साल में दो बार बढ़ा जीर्णोद्धार का बजट
साल 2020 में सरकार ने इसके जीर्णोद्धार की योजना बनाई। तीन करोड़ 81 लाख 60 हजार रुपये का बजट बनाया गया। अगस्त 2020 में राजकीय निर्माण निगम को काम सौंप दिया गया। कोरोना महामारी की वजह से प्रेक्षागृह में काम की रफ़्तार कभी भी तेजी नहीं पकड़ पाई। काम धीरे होने की वजह से बाजार में चीजें महंगी हो गईं और बजट में पास हुआ पैसा खर्च हो गया लेकिन काम पूरा नहीं हो पाया। सरकार ने अभी हाल में एक करोड़ रुपये और दिए हैं। काम अभी जारी है।

दर्शक और रंगकर्मियों को मिलेंगी बेहतरीन सुविधा
राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह की बाहरीदीवारों पर ग्रेनाइट लगाया गया है। मंच के ठीक पीछे कलाकारों के लिए नए टॉयलेट बनाये गए हैं। ग्रीन रूम को भी सजाया संवारा जा रहा है। रंगाई-पुताई का काम भी चल रहा है। प्रेक्षागृह की सीटों का काम शुरू होना अभी बाकी है। हालांकि एक अधिकारी ने बताया कि प्रेक्षागृह के लिए नई सीटें तैयार हो गई हैं। बाक़ी काम पूरे हो जाएं तो सीटों को लाकर फर्श में स्थाई रूप से लगे कुर्सियों के ढांचे में उसे फिक्स कर दिया जाए।

जीर्णोद्धार काम की रफ्तार बेहद धीमी – ज्ञानेश्वर मिश्र
नाट्य संस्था रंगयात्रा के निदेशक ज्ञानेश्वर मिश्र ज्ञानी का कहना है कि राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह का अगस्त 2020 से लगातार जीर्णोद्धार चल रहा है। यह प्रेक्षागृह रंगकर्मियों का सबसे पसंदीदा प्रेक्षागृह रहा है। यह बीच शहर में है। यहां तक पहुंचना आसान है। इस प्रेक्षागृह का किराया भी कम है। उन्होंने बताया कि जब इसके जीर्णोद्धार की बात हुई थी तब सिर्फ इसके हाल को बेहतर बनाया जाना था लेकिन हाल तो ठीक नहीं किया गया। बिल्डिंग का काम शुरू हो गया। बेहतर होता कि इसमें नया एसी लगा दिया जाता। मंच की साज-सज्जा हो जाती और कलाकारों को सौंप दिया जाता। बिल्डिंग का काम किया जा रहा है। कार्य की रफ्तार बहुत धीमी है। इस वजह से कलाकारों को यहां से दूर दूसरे प्रेक्षागृहों में जाना पड़ रहा है। इस वजह से आने-जाने का भी किराया ज्यादा देना पड़ता है और हाल का किराया भी ज्यादा देना पड़ता है।

यह भी पढ़ें-बरेली: आर्बिट्रेशन की विशेष लोक अदालत की गई शुरू, 41 वादों का हुआ निस्तारण

ताजा समाचार

बरेली: सलीम ट्रेडर्स की फर्नीचर की दुकान पर SIB का छापा, एक करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी
मुरादाबाद: मायके से पत्नी को बुलाने गए युवक की मौत...परिजनों ने शव रखकर लगाया जाम, हत्या का आरोप
गोंडा: बाइक सवारों को ठोकर मार खाई में पलटी कार, पांच घायल
बरेली: पति के सामने पत्नी से सामूहिक दुष्कर्म, शिकायत करने गए तो पीटकर हवालात में किया बंद...पीड़िता ने खाया जहर 
पीलीभीत: देवीपुरा गोशाला में मृत मिले पशु, गुस्साए विहिप कार्यकर्ता, बोले- बमुश्किल मिला प्रवेश, भीतर गए तो उजागर हुई अव्यवस्था
बरेली: नाबालिग से दुष्कर्म मामले  में कोर्ट का फैसला, शख्स को मिली दस साल की कैद