लखनऊ: लविवि में नाराज छात्रों ने घेरा प्रशासनिक भवन, लगाया यह बड़ा आरोप

लखनऊ: लविवि में नाराज छात्रों ने घेरा प्रशासनिक भवन, लगाया यह बड़ा आरोप

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में इंप्रूवमेंट परीक्षा के नाम पर स्ननातक छात्रों से फॉर्म भरवाकर एक-एक हजार रूपए प्रति छात्र जमा करवा लिया गया, लेकिन नंबर अपनी मर्जी दिए गये। ऐसे में छात्रों का कुल मिलाकर नंबर 55 प्रतिशत से ऊपर नहीं पहुंच सका है। इस बात से नाराज छात्रों ने बुधवार को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक …

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में इंप्रूवमेंट परीक्षा के नाम पर स्ननातक छात्रों से फॉर्म भरवाकर एक-एक हजार रूपए प्रति छात्र जमा करवा लिया गया, लेकिन नंबर अपनी मर्जी दिए गये। ऐसे में छात्रों का कुल मिलाकर नंबर 55 प्रतिशत से ऊपर नहीं पहुंच सका है। इस बात से नाराज छात्रों ने बुधवार को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का घेराव किया, लापरवाही का आरोप लगाते हुए अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की। छात्रों ने कहा कि कोविड की वजह से परीक्षा तो नहीं कराई नहीं गई, जो नंबर दिए गए, वह बहुत ही कम है। इस वजह स्नातक अंतिम वर्ष में कुल अंक 55 फीसद से भी कम आ रहे हैं। जिससे किसी केंद्रीय या राज्य विश्वविद्यालय में प्रवेश मिल पाना मुश्किल होगा।

सत्र 2018 में प्रवेश लेने वाले छात्रों का है मामला

दरअसल ये मामला वर्ष 2018 में स्नातक प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेने वाले छात्रों का है। छात्रों के मुताबिक बहुत से छात्र हैं जिनकी प्रथम सेमेस्टर में बैक लगी थी। या भी एग्जेम्प्टेड के लिए परीक्षा परीक्षा फार्म भरा था। कोरोना महामारी के कारण परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं। छात्रों को प्रोन्नत कर जो नतीजे जारी किए, उससे ज्यादातर को 27-27 अंक दे दिए गए। इससे स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश लेने में दिक्कतें आ रही हैं।

फिर से जांच कर नंबर दिए जाने की मांग

प्रदर्शन में विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के छात्र भी शामिल रहे इस दौरान केकेसी, शिया पीजी, जयनारायण पीजी, महिला कॉलेज समेत कई संस्थानों के छात्रों ने दोबारा नंबर दिए जाने की मांग की है। वहीं छात्र संगठना आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिशन (आइसा) के सह समन्वयक निखिल, एनएसयूआइ के छात्र नेता विशाल सिंह और समाजवादी छात्र सभा ने भी विरोध जताया है।

वहीं इस पूरे मामले पर चीफ प्रॉक्ट रप्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा छात्रों की मांग नियम विरूद्ध है, चूकि कोविड के चलते परीक्षा नहीं हो सकी थी ऐसे में उन्हें न्यूनतम अंक देकर प्रमोट किया गया था।

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