लखीमपुर-खीरी: श्याम प्रेमियों ने निकाली निशान यात्रा, श्याममय हुआ शहर

लखीमपुर-खीरी: श्याम प्रेमियों ने निकाली निशान यात्रा, श्याममय हुआ शहर

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार।  सोमवार को शहर में गाजे बाजे के साथ श्याम प्रेमियों ने निशान यात्रा निकाली जिसके बाद पूरा शहर श्याममय हो गया। इसमें गोला समेत जिले भर के श्याम प्रेमी शामिल हुए और बाबा को अत्यंत प्रिय केसरिया निशान ध्वजा गाजे-बाजे के साथ चढ़ाया। जिला मुख्यालय के पुरानी गल्ला मंडी स्थित मारवाड़ी मंदिर …

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार।  सोमवार को शहर में गाजे बाजे के साथ श्याम प्रेमियों ने निशान यात्रा निकाली जिसके बाद पूरा शहर श्याममय हो गया। इसमें गोला समेत जिले भर के श्याम प्रेमी शामिल हुए और बाबा को अत्यंत प्रिय केसरिया निशान ध्वजा गाजे-बाजे के साथ चढ़ाया।

जिला मुख्यालय के पुरानी गल्ला मंडी स्थित मारवाड़ी मंदिर में बने श्याम मंदिर में फाल्गुन महोत्सव पिछले कई वर्षों से धूमधाम से मनाया जाता रहा है। इस वर्ष भी सोमवार को सूर्याेदय के समय कोतवाली के निकट स्थित हनुमान मंदिर से केसरिया ध्वजा लहराते हुए हुए भव्य शोभायात्रा निकाली गई।

जो बस अड्डा से अस्पताल रोड होते हुए पुरानी गल्ला मंडी से होकर श्याम मंदिर पहुंची, जिसमें आस-पास के क्षेत्रों के तमाम श्याम भक्त शामिल हुए। नगर के श्याम भक्त महेश पटवारी ने बताया कि फाल्गुन महोत्सव के दौरान खाटू वाले श्याम बाबा की अखंड ज्योति, छप्पन भोग, फूलों की होली और अबीर गुलाल की वर्षा के साथ होली के फाल्गुनी राजस्थानी गीत शो मधुर गीत भजनों का आकर्षण रहा। बाबा श्याम के अमर शीश का सतरंगी अलौकिक श्रृंगार विशेष आकर्षण है।

क्यों निकालते हैं शोभायात्रा
महावीर बरबरीक को भगवान शिव जी से कठोर तपस्या के फलस्वरूप 3 अमोघ बाण प्राप्त हुए थे। एक बाण के प्रयोग से पूरी धरती को बांधकर के नष्ट कर सकते थे लेकिन मां को दिए वचनों के अनुसार उन्हें हारे हुए पक्ष के साथ लड़ना था। कृष्ण को भय हुआ कि हार रहे कौरवों के पक्ष में यदि बर्बरीक लड़ता तो पांडवों की हार निश्चित थी।

महाभारत युद्ध में पांडवों की जीत सुनिश्चित करने के लिए भगवान श्री कृष्ण की लीला 14 वर्षीय वीर बर्बरीक का सिर दान में मांग लिया और महादानी बर्बरीक ने फाल्गुन शुक्ला द्वादशी को अपना शीश काटकर भगवान श्री कृष्ण को सौंप दिया। कृष्ण के वरदान स्वरूप महावीर बर्बरीक को श्याम नाम मिला और कलयुग में घर-घर पूजे जाने का भी वरदान मिला।

यहां है इनका मुख्य स्थान
राजस्थान प्रांत के सीकर जिले में जयपुर से 80 किलोमीटर बीकानेर रोड पर खाटू ग्राम में वीर बर्बरीक का श्री कृष्ण द्वारा अमृत सिंचित अमर शीश कुंड में प्रकट हुआ जो वहां एक भव्य मंदिर में स्थापित है। शीश दान के कारण फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में देश भर के लाखों श्याम भक्त खाटू धाम पहुंचते हैं और देश के तमाम स्थानों पर निशान की शोभायात्रा निकाली जाती है।

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में 10 दिन का लक्की मेला होता है जिसमें बाबा श्याम का पौराणिक प्रसिद्ध मंदिर चौबीसों घंटे लगातार खुला रहता है। मंदिर के पट कभी भी बंद नहीं होता और खाटू ग्राम के 50 किलोमीटर के दायरे में चारों ओर श्याम भक्तों का रेला ही दिखाई देता है। खाटू ग्राम में बाहर से आने वाले भक्तों के लिए 200 से ज्यादा धर्मशालाएं दानी सेठ साहूकारों ने बनवा रखे हैं जिनमें भक्तों के रुकने का न्यूनतम शुल्क लिया जाता है जिनमें बिजली पानी स्नान की उत्तम व्यवस्था उपलब्ध रहती है।

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