लखीमपुर-खीरी: विधायक ने धान खरीद में लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, डीएम कार्यालय के सामने धरने पर बैठे

लखीमपुर-खीरी: विधायक ने धान खरीद में लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, डीएम कार्यालय के सामने धरने पर बैठे

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। जिले में धान और गेहूं खरीद में किसानों में बिचैलियों की भूमिका को लेकर गोला विधायक अरविंद गिरि ने गुरूवार को डीएम कार्यालय के बाहर मौन प्रदर्शन किया। उनके साथ में भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह भी मौजूद रहे उन्होंने डीएम को गेहूं और धान खरीद में होने वाले भ्रष्टाचार के बारे में …

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। जिले में धान और गेहूं खरीद में किसानों में बिचैलियों की भूमिका को लेकर गोला विधायक अरविंद गिरि ने गुरूवार को डीएम कार्यालय के बाहर मौन प्रदर्शन किया। उनके साथ में भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह भी मौजूद रहे उन्होंने डीएम को गेहूं और धान खरीद में होने वाले भ्रष्टाचार के बारे में बताया। साथ ही धान खरीद में अन्य समस्याएं भी बताई। उन्होंने कहा एक अक्टूबर से धान खरीद होनी थी लेकिन अभी तक गोला क्षेत्र में एक भी सेंटर पर धान नहीं खरीदा गया है। उन्होंने समस्या निस्तारण की मांग की है।

जिले में एक अक्टूबर से धान खरीद प्रस्तावित थी लेकिन अभी तक किसी भी धान खरीद सेंटर पर धान खरीद नहीं हुई। इससे किसानों को दिक्कत होती है। इस संबंध में गोला विधायक अरविंद गिरि ने गुरूवार को डीएम कार्यालय के बाहर सौ किसानों के साथ मौन प्रदर्शन किया।

उन्होंने डीएम को ज्ञापन देकर बताया है कि दस अक्टूबर तक गोला विधान सभा क्षेत्र में किसी भी धान खरीद केंद्र पर धान खरीद शुरू नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा धान खरीद में बिचैलिये किसानों का सोशण न कर पाएं यह प्रशासन सुनिश्चित कराए। धरना प्रदर्शन में उनके साथ तमाम किसान शामिल थे। बाद में डीएम ने उन्हें शीघ्र धान खरीद शुरू कराए जाने का आश्वासन दिया।

इन समस्याओं के बारे में भी बताया
विधायक ने बताया पिछले वर्ष तक धान क्रयकेंद्रों पर 100 क्विंटल तक धान विक्रय के लिए पंजीयन सत्यापन की आवश्यकता नहीं थी। इस वर्ष 50 क्विंटल कर दी गई। इससे अधिक बेचने पर सत्यापन अनिवार्य होगा। पिछले वर्ष किसान पोर्टल पर अपना खाता नंबर डाल सकता था इस वर्ष इसे समाप्त कर दिया गया। अब किसान के संज्ञान में यह नहीं है कि उसका पैसा किस खाते में जाएगा।

किसान ने परिवार के किसी सदस्य को नामिनी बनाया है तो उसका पंजीयन नही हो रहा है। पिछले वर्ष किसान किसी भी सेंटर पर धान बेंच सकता था लेकिन इस वर्ष भ्रष्टतंत्र ने यह व्यवस्था समाप्त करदी। इसके अलावा भी कई प्रतिबंध धान किसानों पर लगाए गए हैं। इससे किसानों को धान बेंचने में दिक्कत होगी।

विधायक ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
विधायक ने बताया है कि पिछले वर्ष गेहूं खरीद में किसानों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। अनियमितताओं की रिपोर्ट भी कराई गई थी। साक्ष्य भी उपलब्ध कराए गए थे। उसमें अधिकारियों, बिचैलियों और जन प्रतिनिधियों की मिलीभगत सामने आयी थी। विधान सभा गोला में 300 से अधिक राशनकाड निरस्त कर दिए गए थे। क्योंकि उसमें 75 प्रतिशत किसान भूमिहीन थे और उनके द्वारा तीन से लेकर 15 लाख तक का गेहूं बेंचा गया था। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद इस बात की जांच नहीं की गई कि किसानों के खाते में जाने वाला पैसा किसने निकाला। उन्होंने इसतरह का भ्र्रष्टाचार न हो इस पर भी रोक लगाने की मांग की हैै।

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