कुशीनगर: मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई डूबकी, किया दान-पुण्य

कुशीनगर: मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई डूबकी, किया दान-पुण्य

कुशीनगर। माघ कृष्ण पक्ष अमावस्या जिसे मौनी अमावस्या के नाम से पुराणों और शास्त्रों मे अक्षय महिमा बताई गयी है एक फरवरी को इस पावनपर्व पर श्रद्धालुओं ने नदियों और सरोवरों मे मौन होकर स्नान किया फिर संकल्प लेकर गौदान किया गरीबों को गर्म कपडे और खाद्यान्न दान कर पुण्य अर्जित किया। शास्त्रों के अनुसार …

कुशीनगर। माघ कृष्ण पक्ष अमावस्या जिसे मौनी अमावस्या के नाम से पुराणों और शास्त्रों मे अक्षय महिमा बताई गयी है एक फरवरी को इस पावनपर्व पर श्रद्धालुओं ने नदियों और सरोवरों मे मौन होकर स्नान किया फिर संकल्प लेकर गौदान किया गरीबों को गर्म कपडे और खाद्यान्न दान कर पुण्य अर्जित किया।

शास्त्रों के अनुसार माघमास की अमावस्या को लोग नदियों, तीर्थो मे जाकर मौन होकर स्नान व दान करतें हैं गरीबों को कपडे और बस्त्र दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है अगर नजदीक मे कोई नदी नही या तीर्थस्थल पर जाने में असमर्थ हो तो अपने आस पास जगहों तथा घरों पर कुंआ, बावडी, सरोवर मे भी स्नान कर यह पुण्य लाभ अर्जित करते हैं पुराणों मे बताया गया है कि मौनी स्नान और गुप्त दान करने से स्थिर लक्ष्मी, आरोग्यता प्राप्त होती है और सभी विध्न बाधाएं जीवन से समाप्त हो जाती है लोक मे यश और परलोक मे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

एक फरवरी मंगलवार को माघी अमावस्या के दिन जनपदभर मे नदियों के किनारे मेला भी लगा रहा हालांकि मौसम ठंड की बेरुखी को लिए सर्द था फिर भी धार्मिक आस्थाओं के प्रवाह को रोक नही पाया लोग ब्रह्म मुहूर्त मे घर से निकल तीर्थों और नदियों पर पहुँच गये मौन स्नान, गौदान और गरीबों के बस्त्र और खाद्यान्न दान किये।

इस अवसर पर क्षेत्रीय दुकानदारों ने मिठाई, कैलेंडर, खिलौने इत्यादि की दुकाने सजा लिए थे लोगों ने स्नान दान के बाद मेले का भी लुत्फ उठाया साथ ही बच्चों के लिए उनके मनपसंद खिलौने खरीदे गये। जनपद के खड्डा के नारायणी नदी बाँसी, तथा छोटी गंडक के कप्तानगंज, रगड़ गंज साहबगंज, अथरहा, गडेरीपटृटी, पिपरा तथा हेतिमपुर, इत्यादि जगहों पर भारी मेला लगा रहा जिससे ट्रेफिक की भी भारी समस्या बनी रही।

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