केजीएमयू के डॉक्टरों ने नाबालिग का ऑपरेशन कर बचाई जान, सात साल की उम्र में हुआ था दुष्कर्म

केजीएमयू के डॉक्टरों ने नाबालिग का ऑपरेशन कर बचाई जान, सात साल की उम्र में हुआ था दुष्कर्म

लखनऊ। 2014 में मानसिक रूप से मंदित सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ था। जिसके दौरान उसे शरीर में अनदुरुनी जख्म हो गए थे। जैसे ही कुछ भी खाती या पीती थी, मल या मूत्र के माध्यम से त्याग देती थी। जिसके बाद उसका पेट का ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन होते ही पीड़िता …

लखनऊ। 2014 में मानसिक रूप से मंदित सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ था। जिसके दौरान उसे शरीर में अनदुरुनी जख्म हो गए थे। जैसे ही कुछ भी खाती या पीती थी, मल या मूत्र के माध्यम से त्याग देती थी। जिसके बाद उसका पेट का ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन होते ही पीड़िता की तबीयत और बिगड़ गई थी। पेट में घाव होने के कारण अपने आप मल मूत्र का रिसाव हो रहा था।

नतीजतन वह बार-बार पेट संबंधी संक्रमण से भी जूझ रही थी। केजीएमयू गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने 10 घंटे में चार ऑपरेशन कर बच्ची को नया जीवन देने में कामयाबी हासिल की है। तबीयत में सुधार के बाद बच्ची को डिस्चार्ज कर दिया गया। मेरठ की रहने वाली 16 साल की नाबालिग बच्ची सुन और बोल नहीं सकती है। वह मानसिक रूप से मंद है।

वर्ष 2014 में उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। जिसके बाद उसका इलाज स्थानीय अस्पतालों में कराया गया । लेकिन, राहत नहीं मिली। 24 अप्रैल 2022 मेरठ चाइल्डलाइन पॉल मर्सी होम के सदस्य बच्ची को गंभीर अवस्था में लेकर लोक बंधु अस्पताल पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने बच्ची को केजीएमयू रेफर कर दिया। संस्था एक कोशिश ऐसी भी व पॉल मर्सी होम के सदस्यों ने इलाज कराने संकल्प लिया।

एंडोस्कोप तकनीक से किए चार ऑपरेशन

मरीज के केजीएमयू पहुंचने के बाद उसे गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में शिफ्ट किया गया। यहां गैस्ट्रो के विभागाध्यक्ष डॉ. अभिजीत चन्द्रा के निर्देशन में बच्ची का इलाज शुरू हुआ। इलाज से जुड़ी सभी जांचे कराई गई। ने जांचें कराई। करीब एक महीने अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया। डॉक्टरों ने बच्ची का ऑपरेशन करने का फैसला किया। डॉ. अभिजीत चन्द्रा ने बताया कि चार ऑपरेशन एक साथ किए गए। इसमें करीब 10 घंटे लगे। उन्होंने बताया कि एंडोस्कोप तकनीक से ऑपरेशन किए गए हैं।

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