उपमुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार कौशांबी पहुंचे केशव प्रसाद मौर्य, कहा- आवास योजना के तहत मकान उपलब्ध कराने का होगा कार्य

उपमुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार कौशांबी पहुंचे केशव प्रसाद मौर्य, कहा- आवास योजना के तहत मकान उपलब्ध कराने का होगा कार्य

कौशांबी। दूसरी बार उत्तर प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार अपने गृहनगर कौशांबी पधारे केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं और क्षेत्रीय जनता से बातचीत की और उनकी समस्यायों के उचित निस्तारण का भरोसा दिलाया। श्री मौर्य ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की डबल इंजन की भाजपा सरकार गरीबों के …

कौशांबी। दूसरी बार उत्तर प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार अपने गृहनगर कौशांबी पधारे केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं और क्षेत्रीय जनता से बातचीत की और उनकी समस्यायों के उचित निस्तारण का भरोसा दिलाया।

श्री मौर्य ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की डबल इंजन की भाजपा सरकार गरीबों के लिए समर्पित सरकार है जो बिना किसी भेदभाव के गरीब का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए कृत संकल्प है। इसके लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाए संचालित हैं।

उन्होंने कहा कि हर गरीब का अपना घर हो, इस सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक उत्तर प्रदेश में 43 लाख गरीब परिवारों को निशुल्क आवास दिए जा चुके हैं। जिन गरीब परिवारों के पास रहने की आवास नहीं है उन्हें भी प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत मकान उपलब्ध कराने का कार्य किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि आज इस कार्यक्रम में कौशांबी के 50 चिन्हित गरीब परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत मकान की चाबी सौपने का कार्य किया गया है। इसी तरह से 100 गरीब परिवारो को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चयनित लाभार्थियो को मकान की चाबी दी गई है ।

श्री मौर्य ने कहा कि महिलाओं की आत्मनिर्भरता बढ़ाने के उद्देश्य से गांव में गठित स्वयं सहायता समूह को सरकार लगातार प्रोत्साहित करने का काम कर रही है। ऐसे समूह छोटे-छोटे कारोबार के माध्यम से अनेक प्रकार के उत्पाद कर रहे हैं जिससे उनका जीवन स्तर सुधार रहा है अच्छा काम करने वाले स्वयं सहायता समूहो को बैंक द्वारा कम ब्याज पर कर्ज़ भी दिया जा रहा है। जिससे आसानी से अपना कारोबार कर सकें।

उन्होंने कहा कि कोटे के राशन आवंटनमे की गई अनियमितता के तहत यदि अब सरकारी राशन की दुकान का लाइसेंस निरस्त होता है तो सरकारी कोटे की दुकान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दिया जाएगा। प्रदेश में जहां-जहां स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा राशन की दुकानें संचालित है। उनसे कोई शिकायत आवंटन संबंधी नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण शुद्ध रखने के लिए गांव के सरोवर, वृक्षों एवं नदियों की संरक्षा किया जाना आवश्यक है।

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