कानपुर: नार्थटेक सिम्पोजियम में रहेगा IIT के ड्रोन का जलवा, उधमपुर में होगा आयोजन

कानपुर: नार्थटेक सिम्पोजियम में रहेगा IIT के ड्रोन का जलवा, उधमपुर में होगा आयोजन

कानपुर। आईआईटी कानपुर के ड्रोन और ड्रोन हेलीकॉप्टर नॉर्थटेक सिम्पोजियम 2022 में जलवा बिखेरेंगे, जिसका आयोजन 6 और 7 मई को उधमपुर में हो रहा है। यहां आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत सेना की तकनीक, मशीनों और उपकरणों को प्रदर्शित किया जाएगा। आईआईटी के ड्रोन रेस्क्यू, सर्विलांस और थ्रीडी मैपिंग करने में महारथी हैं। इनकी …

कानपुर। आईआईटी कानपुर के ड्रोन और ड्रोन हेलीकॉप्टर नॉर्थटेक सिम्पोजियम 2022 में जलवा बिखेरेंगे, जिसका आयोजन 6 और 7 मई को उधमपुर में हो रहा है। यहां आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत सेना की तकनीक, मशीनों और उपकरणों को प्रदर्शित किया जाएगा। आईआईटी के ड्रोन रेस्क्यू, सर्विलांस और थ्रीडी मैपिंग करने में महारथी हैं। इनकी खूबियों के चलते सेना के अधिकारियों की ओर से कई बार सराहना मिल चुकी है।

आईआईटी की कई स्टार्टअप कंपनियां भी ड्रोन तैयार कर रही हैं, जिनमें एंडयोर एयर, वीटोल आदि शामिल हैं। एंडयोर एयर आईआईटी के ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रो.अभिषेक रॉय की इंक्यूबेट कंपनी है, जिसने विभ्रम ड्रोन विकसित किया है। यह 2 घंटे तक लगातार उड़ सकता है। 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।

नॉर्दर्न कमांड ने ट्वीटर पर विभ्रम की वीडियो पोस्ट की है, जिसको हजारों की संख्या में लोग लाइक कर चुके हैं। आईआईटी ने भी पोस्ट को रिट्वीट किया है। पिछले वर्ष विभ्रम ने अमेरिका में हुए यूएवी के मुकाबले में अपने उल्टा उड़ान भरने की क्षमता का लोहा मनवाया था।

इसके अलावा लखनऊ में लगी डिफेंस कॉरिडोर की प्रदर्शनी में भी संस्थान के यूएवी और ड्रोन की धूम थी।आइआइटी सेना के लिए ऊंची पहाड़ियों पर रेस्क्यू करने वाले मानव रहित छोटे विमान (यूएवी) विकसित कर रहा है। यह ड्रोन दवाएं, भोजन और राहत सामग्री पहुंचाने में मददगार साबित होंगे। निदेशक अभय करंदीकर ने बताया कि संस्थान के विशेषज्ञ और सेना के अधिकारियों के बीच बातचीत चल रही है। जल्द ही एमओयू साइन किया जाएगा।

वैक्सीन पहुंचाने का सफल ट्रायल

यूएवी को मोबाइल से संचालित करने वाला बनाया जा रहा है, जिससे इसको चलाना आसान होगा। इसमें कई तरह की खूबियां रहेंगी, जिसमें बेहद कम आवाज रहना शामिल है। इसके एडवांस मॉडल पर भी काम चल रहा है, जिससे यह दुश्मनों की नजर से बच भी सकेगा। आईआईटी ने उत्तराखंड में कोरोना के वैक्सीन को पहाड़ी क्षेत्रों में पहुंचाने में सफलता हासिल की थी।

अधिक वजन की फ्लाइट टेस्टिंग  

संस्थान में यूएवी की फ्लाइट टेस्टिंग चल रही है। अब तक 20 से 25 किलो तक के भार वाले सामान को उठाने में कामयाबी मिल चुकी है। अब इसका वजन बढ़ाया जा रहा है।

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