बिजनौर: नगरपालिका नगीना में 80 लाख का घोटाला उजागर

बिजनौर: नगरपालिका नगीना में 80 लाख का घोटाला उजागर

बिजनौर/नगीना, अमृत विचार। नगरपालिका नगीना में हुए भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा नेता द्वारा एक वर्ष पूर्व 12 बिंदुओं पर की गई शिकायत में से तीन बिंदु पर जांच पूरी होने के बाद करीब 80 लाख रुपए के घोटाले पर जांच कमेटी ने अपनी मोहर लगा दी। डीएम के निर्देश पर शेष नौ बिंदुओं की जांच …

बिजनौर/नगीना, अमृत विचार। नगरपालिका नगीना में हुए भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा नेता द्वारा एक वर्ष पूर्व 12 बिंदुओं पर की गई शिकायत में से तीन बिंदु पर जांच पूरी होने के बाद करीब 80 लाख रुपए के घोटाले पर जांच कमेटी ने अपनी मोहर लगा दी। डीएम के निर्देश पर शेष नौ बिंदुओं की जांच पुनः शुरू होने से पालिका प्रशासन व ठेकेदारों में हड़कंप मचा है। नगरपालिका भ्रष्टाचार की जांच को आरोपियों ने स्थानीय अधिकारियों पर दबाव डालकर दबाकर रखा था।

भाजपा नेता डॉ. संदीप शर्मा ने 13 अक्टूबर 2020 को नगरपालिका में बढ़ते भ्रष्टाचार व सरकारी धन का बंदरबांट किए जाने और पालिका की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने समेत 12 बिंदुओं की शिकायत तत्कालीन डीएम रमाकांत पांडे के समक्ष की थी। इसमें नगर के श्मशान घाटों में हुए निर्माण, सौंदर्यीकरण, सड़क निर्माण, गांधी चौक पर लगे लाइट पोल, कोतवाली फाटक पर लगे लाइट पोल की जांच आदि जिन पर अधिक कीमत दिखा कर भुगतान किया गया था।

वाटर वर्क्स लालसराय में गौशाला के निर्माण पर लाखों खर्च में हेराफेरी व एसडीम कोर्ट के सामने से बह रही प्राचीन नहर के ऊपर चंद भू-माफियाओं द्वारा सीमेंटेड पुलियों का निर्माण करा कर अवैध कब्जे समेत 12 बिंदुओं की शिकायत कर उनकी जांच कराने और दोषी पाए जाने पर अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की थी।

तत्कालीन डीएम ने पीके शर्मा अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग बिजनौर, हामिद हुसैन वित्त एवं लेखा अधिकारी बेसिक शिक्षा बिजनौर, उपजिलाधिकारी घनश्याम वर्मा नगीना समेत 3 सदस्यों की टीम बनाकर जांच शुरू कराई थी। 1 माह में जांच रिपोर्ट देने के निर्देश थे, लेकिन जांच गठित कमेटी के आड़े भाजपा के ही कुछ नेता आ गए थे। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों पर रौब जमाते हुए जांच को ठंडे बस्ते में डलवा दिया था। मामले को लेकर उपजिलाधिकारी घनश्याम वर्मा से बात करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

शेष नौ बिंदुओं की जांच पूरी कर एक माह में मांगी रिपोर्ट
शिकायतकर्ता भी जांच कराने के लिए मुस्तैदी के साथ अड़े रहे। पालिका के भ्रष्टाचार की 10 माह तक कछुआ चाल से चली जांच में केवल तीन बिंदुओं पर ही जांच हो सकी जिसमें कार्यालय पत्रांक 180 गांधी मूर्ति चौराहे कोतवाली चौराहा पर लगे लाइट पोलो की जांच जिन पर 32 लाख कीमत दिखाकर जो लागत से कई गुना ज्यादा का भुगतान किया गया।

क्रम संख्या 1 से 6 तक निर्माण कार्यों पर ठेकेदार जाकिर हुसैन पालिकाअध्यक्ष खलीलुर्रहमान, अधिशासी अधिकारी हरीलाल पटेल, मनीष बैद्य अवर अभियंता द्वारा कराए गए मोहल्ला चौधराना स्थित श्मशान घाट व बिश्नोई सराय के श्मशान घाट में निर्माण और सौंदर्यकरण कार्यो मे लगभग 60,74,952 की अनियमितता पाई गई। क्रम संख्या 7 ठेकेदार शहजाद अहमद पालिकाध्यक्ष खलीलुर्रहमान पालिका ई ओ राशिद अली अवर अभियंता मनीष वैद्य द्वारा आंकलन 270922 रुपए में अनियमितताएं पाई गईं।

इसी क्रम में 8 पर संकलन 1562996 रुपए की अनियमितता के लिए मनीष वैद्य अवर अभियंता, राशिद अली (तहसीलदार) अधिशासी अधिकारी व खलीलुर्रहमान पालिका अध्यक्ष, कुल 7988007 रुपए की अनियमितता पाई गई है। इसकी भरपाई उपरोक्त अधिकारी व ठेकेदार और पालिकाध्यक्ष से किए जाने के आदेश हुए हैं। डीएम उमेश मिश्रा ने शेष 9 बिंदुओं की जांच के आदेश तीसरी बार देते हुए 1 माह में रिपोर्ट देने को कहा, लेकिन दोषियों को बचाने के लिए कुछ भाजपाई अधिकारियों पर अपना रौब गालिब कर जांच को ठंडे बस्ते में डलवाते आ रहे हैं, ताकि उनकी और कमीशनखोर अधिकारी और ठेकेदारों की पोल नहीं खुल सके पर शिकायतकर्ता डॉ. संदीप शर्मा पूरी मजबूती के साथ मैदान में डटे हैं।

उनका कहना है कि जब तक पालिका के घोटालेबाज अधिकारियों और ठेकेदारों को सजा नहीं दिला पाते तब तक वह चैन से बैठने वाले नहीं है। पालिका के 80 लाख के घोटालों की पोल खोलने से जहां पालिका प्रशासन और ठेकेदारों में हड़कंप मचा है। दूसरी ओर भाजपाइयों में चर्चा जोरों पर है कि जो काम पालिका में आए पांचों नामित सभासदों को करना चाहिए था, वह काम भाजपा के ही डॉ. संदीप कर रहे हैं, लेकिन पालिका के कुछ नामी सभासद और कुछ भाजपा नेता संदीप का विरोध कर रहे हैं।