अमृत सरोवर बनाने में पिछड़ा चमोली जिला, नैनीताल में 50 फिसदी काम हुआ

अमृत सरोवर बनाने में पिछड़ा चमोली जिला, नैनीताल में 50 फिसदी काम हुआ

हल्द्वानी, अमृत विचार। केंद्र सरकार द्वारा पानी की कमी व गिरते हुए भूजल स्तर को रोकने के लिए 24 अप्रैल 2022 को राष्टीय पंचायती दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत सरोवर योजना की पहल की। इसके तहत राज्य के प्रत्येक जिलों मे स्थित तालाबों के विकास व नए तालाबों के निर्माण किया …

हल्द्वानी, अमृत विचार। केंद्र सरकार द्वारा पानी की कमी व गिरते हुए भूजल स्तर को रोकने के लिए 24 अप्रैल 2022 को राष्टीय पंचायती दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत सरोवर योजना की पहल की।

इसके तहत राज्य के प्रत्येक जिलों मे स्थित तालाबों के विकास व नए तालाबों के निर्माण किया जाना था। इस योजना के अंतर्गत 15 अगस्त 2023 तक देश में 50000 तालाबों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन प्रदेश में 50 फीसदी ही तालाबों का निर्माण कार्य पूरा हो पाया है, जिसमें चमोली जिला सबसे पीछे है।

नैनीताल जिले में भी 56 तालाबों का निर्माण किया जाना था, जिसमें से केवल 28 तालाबों का निर्माण कार्य पूरा हो पाया है। इनमें से तीन तालाब हल्द्वानी में भी निर्मित किए गए हैं। ब्लॉक से मिली जानकारी के अनुसार गौलापार, किशनपुर रैक्वाल, हरिपुर में तालाब बने चुके हैं। वहीं बच्चीनगर में एक तालाब का काम निर्माणाधीन है।

क्या है अमृत सरोवन योजना का उद्देश्य ?
अमृत सरोवर योजना का मुख्य उद्देश्य देश के प्रत्येक जनपद मे कम से कम 75 तालाबों का विकास व नए तालाबों का निर्माण करना है। जिनका क्षेत्रफल कम से कम एक एकड़ हो व जल संग्रहण क्षमता 10,000 क्यूबिक मीटर हो। इसमें अधिक से अधिक बारिश के पानी को संग्रहीत करके भूजल स्तर में वृद्धि किया जा सके। साथ ही भविष्य में होने वाली पानी की कमी को पूरा किया जा सके व जल संकट से बचा जा सके।

हल्द्वानी में अमृत योजना के तहत केवल तीन तालाबों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था, जो पूरा हो गया है। लेकिन विभाग की ओर से एक तालाब अतिरिक्त बनाया जा रहा है।

– रमेश जोशी, साहयक ब्लॉक विकास अधिकारी

इन जिलों में बने सरोवरों की संख्या

जिला      प्रस्तावित            निर्माण
अल्मोड़ा    80                    31
बागेश्वर      58                   32
चमोली      97                    22
चंपावत     77                    33
देहरादून   83                    35
पौड़ी गढ़वाल 89                36
हरिद्वार 80                        42
नैनीताल 56                      28
पिथौरागढ़ 84                    36
रुद्रप्रयाग 83                     29
टिहरी गढ़वाल 89              31
उधमसिंह नगर 81            32
उत्तरकाशी 86                 25
(भारत सरकार की वेबसाइट के आंकड़ें)