हल्द्वानी: रक्षाबंधन पर पतंगबाजी के उल्लास से छाया आकाश, हरियाणा की फैंसी पतंगों की धूम

हल्द्वानी: रक्षाबंधन पर पतंगबाजी के उल्लास से छाया आकाश, हरियाणा की फैंसी पतंगों की धूम

हल्द्वानी, अमृत विचार। रक्षाबंधन पर सालों से पतंगबाजी की परंपरा चली आ रही है। अब भी पतंग उड़ाने वालों की कमी नहीं है। हालाकि अधिकतर बच्चे खुद को घर के भीतर मोबाइल गेम खेलने तक सीमित कर रहे हैं। इन सबके बीच खुले आकाश में मांझे की डोर और पतंग उड़ाने के उल्लास का मजा …

हल्द्वानी, अमृत विचार। रक्षाबंधन पर सालों से पतंगबाजी की परंपरा चली आ रही है। अब भी पतंग उड़ाने वालों की कमी नहीं है। हालाकि अधिकतर बच्चे खुद को घर के भीतर मोबाइल गेम खेलने तक सीमित कर रहे हैं।

रक्षाबंधन के मौके पर खूब बिकीं तिरंगे और कार्टून करेक्टर वाली पतंगें।

इन सबके बीच खुले आकाश में मांझे की डोर और पतंग उड़ाने के उल्लास का मजा ही कुछ और है। यही वजह है कि रक्षाबंधन पर शहर के विभिन्न इलाकों में पतंगबाजी को लेकर उल्लास देखने को मिला। क्या बच्चे क्या बड़े हर कोई सुबह से ही चरखी और पतंग लेकर छतों पर चढ़ गए। इतना ही नहीं कुछ उत्साही युवक तो सड़क किनारे से ही पतंग उड़ाते नजर आए। दिनभर आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से सजा दिखा तो छतों से पतंगबाजों की टोली वो काटा-वो काटा का शोर करती दिखीं। वहीं पतंगें बिकने से विक्रेताओं के चेहरे पर भी रौनक नजर आई।

हल्द्वानी के राजपुरा क्षेत्र में पिछले 20 वर्षों से पतंगों का व्यवसाय कर रहे गौरव अपने माता-पिता के साथ।

राजपुरा क्षेत्र में पिछले 20 वर्षों से पतंग का कारोबार कर रहे गौरव ने बताया कि इस बार बरेली, रामपुर, दिल्ली के अलावा हरियाणा से फैंसी पतंगें मंगवाई गई हैं। बच्चों के कार्टून, तिरंगा और मेरा भारत महान लिखी पतंगों की काफी मांग है। उन्होंने बताया कि जानलेवा चाइनीज मांझे की बिक्री पर रोक है, ऐसे में सामान्य कपास से बने मांजे की बिक्री की जा रही है। पतंग खरीदने आए राज, अभिषेक और डौली ने बताया कि कोरोना काल की बंदिशों से छुटने के बाद अब खुले आकाश में पतंग उड़ाने का मजा ही कुछ और है ऐसे में रक्षाबंधन से जन्माष्टमी तक पतंग उड़ाने का मौका नहीं छोड़ सकते। उन्होंने बताया कि इस बार जानलेवा चाइनीज मांझे के बजाय स्वदेशी मांझे का ही उपयोग करेंगे।

पांच से 100 रुपये तक की पतंगें हैं मौजूद
कागज और पॉलीथिन से बनी पतंगों की कीमत पांच रुपये से लेकर 100 रुपये तक है। इनमें तिरंगा, मेरा भारत महान, कार्टून प्रिंट के साथ हरियाणा से आई फैंसी पतंगें आकर्षक का केंद्र हैं। सद्दी और मांझा पांच रुपये से लेकर 400 रुपये तक तो चरखी 30 से लेकर 50 रुपये तक बिक रही है।