हल्द्वानी: प्रयोग के तौर पर तो नहीं खोले गए हैं नए महाविद्यालय !

हल्द्वानी: प्रयोग के तौर पर तो नहीं खोले गए हैं नए महाविद्यालय !

हल्द्वानी, अमृत विचार। राज्य में खुले नए महाविद्यालयों में अब तक पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है। इन महाविद्यालयों के संचालन के लिए अब तक अवस्थापना सुविधा भी मुहैया नहीं हो सकी हैं। अब विभाग दावा कर रहा है कि नए महाविद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कराई जाएगी। अब बड़ा सवाल ये है कि क्या …

हल्द्वानी, अमृत विचार। राज्य में खुले नए महाविद्यालयों में अब तक पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है। इन महाविद्यालयों के संचालन के लिए अब तक अवस्थापना सुविधा भी मुहैया नहीं हो सकी हैं। अब विभाग दावा कर रहा है कि नए महाविद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कराई जाएगी। अब बड़ा सवाल ये है कि क्या ये महाविद्यालय प्रयोगात्मक तौर पर तो शुरू नहीं किए जा रहे हैं।

राज्य में पिछले चार महीनों के दौरान आठ महाविद्यालय नए खोलने की घोषणा की गई है। इसमें देहरादून शहर, हरिद्वार शहर भूपतवाला, हल्द्वानी शहर गौलापार, गदरपुर, दन्यां, कल्जीखाल , खिर्सू व देवाल शामिल हैं। सभी आठ जगहों पर महाविद्यालय शुरू करने के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई लेकिन अब तक अवस्थापना का काम शुरू नहीं हो सका है।

दूसरे महाविद्यालयों में दफ्तर खोलकर इन सभी के लिए प्रवेश प्रक्रिया भी पूरी कर दी गई है, लेकिन अब तक स्टाफ व दूसरी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर नहीं दिया जा रहा है। हालांकि, उच्च शिक्षा निदेशक ने इन महाविद्यालयों में काम करने के इच्छुक शिक्षण व मिनिस्टीरियल स्टाफ से विकल्प जरूर मांगे हैं।

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. पीके पाठक की मानें तो सभी नए महाविद्यालयों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है। एक हफ्ते में ये व्यवस्था निदेशालय स्तर से शुरू हो जाएगी। अब सवाल ये उठता है कि चुनावी फायदे के नाम पर सरकार ने ये महाविद्यालय खोल तो दिए गए है लेकिन अवस्थापना सुविधाओं के नाम पर सरकार अभी इस पर गंभीर नहीं हो रही है।

इसका उदाहरण है कि गौलापार के जिस भवन में महाविद्यालय अस्थायी तौर पर शुरू किया जाना है। उस भवन का अभी अनुबंध तक नहीं हो सका है। भवन स्वामी गणेश सुयाल का कहना है कि विभाग की ओर से अभी अनुबंध नहीं किया जा सका है।

नए महाविद्यालयों में अवस्थापना सुविधाएं व स्टाफ की तैनाती जल्द कर ली जाएगी। सभी के लिए भवनों का चयन कर लिया गया है। कागजी कार्यवाही भी जल्द पूरी कर ली जाएगी।
– डॉ. पीके पाठक, उच्च शिक्षा निदेशक