हल्द्वानी: आयकर विभाग ने रिटर्न के ई वेरिफिकेशन की समयावधि में किया बदलाव

हल्द्वानी, अमृत विचार। आयकर विभाग ने रिटर्न जमा करने के बाद ई-वेरिफिकेशन के लिए दी जाने वाली अवधि में बदलाव किया है। पहले आयकर रिटर्न भरने के बाद 120 दिनों में ई वेरिफिकेशन करना अनिवार्य था लेकिन अब यह प्रक्रिया 30 दिन में अनिवार्य रूप से करनी होगी। आयकर विभाग के अनुसार, आयकर रिटर्न जमा …

हल्द्वानी, अमृत विचार। आयकर विभाग ने रिटर्न जमा करने के बाद ई-वेरिफिकेशन के लिए दी जाने वाली अवधि में बदलाव किया है। पहले आयकर रिटर्न भरने के बाद 120 दिनों में ई वेरिफिकेशन करना अनिवार्य था लेकिन अब यह प्रक्रिया 30 दिन में अनिवार्य रूप से करनी होगी।

आयकर विभाग के अनुसार, आयकर रिटर्न जमा करने के बाद इसको सत्यापित करना अनिवार्य होता है। यदि निर्धारित समय में सत्यापन नहीं होता है तो आयकर रिटर्न अमान्य माना जाता है इसलिए रिटर्न का ई वेरिफिकेशन करना अनिवार्य होता है। यदि समय से ई वेरिफिकेशन नहीं हुआ तो निर्धारित अवधि के बाद फिर से आयकर रिटर्न जमा करना होगा और विलंब शुल्क भी देना होगा। इसके बाद फिर से ई-वेरिफिकेशन करना पड़ेगा।

इस तरह आयकर रिटर्न का करते हैं ई-वेरिफिकेशन

= आधार के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा, इस ओटीपी से वेरिफिकेशन होगा।

= पूर्व-मान्य बैंक खाते से जेनरेट किया गया इलेक्ट्रानिक वेरिफिकेशन कोड (ईवीसी) के जरिए

= पूर्व-मान्य डीमैट खाते के माध्यम से उत्पन्न ईवीसी के जरिए

= ऑफलाइन मोड में एटीएम से ईवीसी जेनरेट कर सकते हैं

= नेट बैंकिंग और डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र के जरिए भी होता है

ई-वेरिफिकेशन में देरी पर लग सकता है जुर्माना:  यदि करदाता ने आयकर रिटर्न समय से जमा कर दिया है लेकिन ई-वेरिफिकेशन समय से नहीं किया है तो आयकर अधिनियम 1961 के तहत जुर्माना लग सकता है हालांकि उचित कारण देकर वेरिफिकेशन में देरी के लिए क्षमा का अनुरोध किया जा सकता है।

ई-वेरिफिकेशन का यह है फायदा: करदाता को आयकर रिटर्न वेरिफिकेशन की भौतिक प्रतिलिपि बंग्लुरु भेजने की जरूरत नहीं है। नियमानुसार रिटर्न भेजने के बाद वेरिफिकेशन के लिए एक कॉपी को बंग्लुरु भेजना पड़ता था लेकिन ई वेरिफिकेशन के बाद यह झंझट नहीं होगा।

आयकर विभाग ने आयकर रिटर्न के ई वेरिफिकेशन की अवधि 120 दिनों से घटाकर 30 दिन कर दी है। करदाताओं को रिटर्न का ई वेरिफिकेशन करना अनिवार्य है वर्ना उनका रिटर्न अमान्य हो सकता है। यदि समय से ई वेरिफिकेशन नहीं हुआ तो दोबारा रिटर्न जमा करना होगा इसलिए सभी करदाता इसको ध्यान में रखते हुए समय से ई वेरिफिकेशन जरूर करें। – अमन साह, सीए