हल्द्वानी: कहीं बारिश न कर दे एमबीपीजी कॉलेज की कमजोर बिल्डिंग ध्वस्त, जिम्मेदार बेपरवाह

हल्द्वानी: कहीं बारिश न कर दे एमबीपीजी कॉलेज की कमजोर बिल्डिंग ध्वस्त, जिम्मेदार बेपरवाह

हल्द्वानी, अमृत विचार। एमबीपीजी महाविद्यालय की सालों पुरानी बिल्डिंग बारिश में ढहने को तैयार है। अगला हिस्सा टूटकर भी गिर चुका है। लेकिन, शायद किसी महाविद्यालय प्रशासन और कार्यदायी संस्था किसी बढ़ी अनहोनी का इंतजार कर रही है। यदि इसी तरह देरी जारी रही तो निर्माणकारी संस्था से पहले ही बारिश कमजोर भवन को ध्वस्त …

हल्द्वानी, अमृत विचार। एमबीपीजी महाविद्यालय की सालों पुरानी बिल्डिंग बारिश में ढहने को तैयार है। अगला हिस्सा टूटकर भी गिर चुका है। लेकिन, शायद किसी महाविद्यालय प्रशासन और कार्यदायी संस्था किसी बढ़ी अनहोनी का इंतजार कर रही है। यदि इसी तरह देरी जारी रही तो निर्माणकारी संस्था से पहले ही बारिश कमजोर भवन को ध्वस्त कर देगी। लेकिन, यह घटना कहीं हादसा न बन जाए, इसको लेकर कोई गंभीर नहीं दिख रहा है।

महाविद्यालय प्रशासन की मानें तो उन्होंने दावा किया है कि बिल्डिंग की कमजोर हालत को उन्होंने पहले ही भांप लिया था। उसके ध्वस्तीकरण और नए निर्माण के लिए उन्होंने अनुमति के लिए प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग भी भेज दिया। लेकिन वहां से काफी समय इंतजार के बाद निर्माण की अनुमति मिली। निर्माणकारी संस्थान के रूप में मंडी समिति को नामित किया गया है। लेकिन, न ही निर्माणकारी संस्थान ने अब तक एमबीपीजी महाविद्यालय के कमजोर भवन का निरीक्षण किया और न ही उसके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हुई। नतीजा यह रहा कि इस बार की बारिश में भवन के गिरने की शुरुआत भी हो गई है। योगा विभाग के भवन का छज्जा टूट चुका है। कॉलेज में प्रवेश और अन्य कार्रवाई चल रही है। इस वजह से विद्यार्थियों की भी संख्या काफी रहती है। कहीं, बारिश में बिल्डिंग ढहती है तो हादसे का भी डर बना हुआ है।

कमजोर भवन का ध्वस्तीकरण निर्माणकारी संस्था के द्वारा ही होना है। उसके बाद नया निर्माण होना है। इसको लेकर कार्रवाई चल रही है। – डॉ. एनएस बनकोटी, प्राचार्य, एमबीपीजी