हल्द्वानी: सरकार ने खूब छला, क्या आप दोगे हमारा साथ… भावुक कर देगा नर्सिंग बेरोजगारों का यह खत

हल्द्वानी, अमृत विचार। जै दिन चोर नी पफलाल, कै कै जोर नी चलौल, जैंता एक दिन तो आलो उ दिन यो दुनी में… महान जनकवि गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ ने देवभूमि उत्तराखंड में व्याप्त जिस दर्द से उबरने की आस अपनी इन पंक्तियों के सहारे बांधी थी, अफसोस वह राज्य गठन के 22 सालों के बाद …

हल्द्वानी, अमृत विचार। जै दिन चोर नी पफलाल, कै कै जोर नी चलौल, जैंता एक दिन तो आलो उ दिन यो दुनी में… महान जनकवि गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ ने देवभूमि उत्तराखंड में व्याप्त जिस दर्द से उबरने की आस अपनी इन पंक्तियों के सहारे बांधी थी, अफसोस वह राज्य गठन के 22 सालों के बाद भी पूरी होती नहीं दिख रही है। भर्ती परीक्षाओं के नाम पर लंबे समय से युवाओं को छलने के खेल फलफूल रहा है लेकिन जिम्मेदार हैं कि असरदार न्याय के बजाय युवाओं को गुमराह करने में तुले हैं। युवा परेशान होकर सड़कों पर हैं लेकिन राजनीति है कि एसी दफ्तरों में युवाओं के आक्रोश को शांत करने के लिए साजिश रच रही है।

ऐसा ही कुछ हाल हल्द्वानी में पिछले 50 दिनों से प्रदर्शन कर रहे नर्सिंग बेरोजगारों का भी है। 2621 पदों पर वर्षवार नियुक्ति की मांग को लेकर आवाज बुलंद कर रहे नर्सिंग स्टाफ का सब्र अब टूट रहा है। प्रदेश के हुक्मरानों से परेशान और हताश होकर अब नर्सिंग स्टाफ ने आम जनता के दरबार में अर्जी लगाई है। किस तरह से नर्सिंग स्टाफ ने अपने दर्द को बयां किया है, आप भी पढ़िए…..

उत्तराखंड की आम जनता एवं मरीजों के नाम खुला पत्र, आप सभी उत्तराखंड की आम जनता एवं सभी मरीजों को हम लाचार नर्सेज का सादर प्रणाम
हम आपको बताना चाहते हैं कि राज्य सरकार की असंवेदनशीलता एवं अनदेखी, साथ ही आप सभी उत्तराखंड के नागरिकों के अनजान होने के कारण हम पिछले 50 दिन से हल्द्वानी बुद्ध पार्क तिकोनिया में धरने पर बैठे हैं, हम आपको बताना चाहते हैं कि जब उत्तराखंड का कोई भी नागरिक चाहे वह किसी धर्म अथवा किसी भी जाति का हो, बीमार होकर अस्पताल पहुंचता है तो हम नर्स ही सबसे अधिक समय उसको देते हैं, उसकी सेवा करते हैं, कई गंभीर बीमारियां जोकि संक्रमण के द्वारा फैलती हैं, उस समय भी अपनी जान की परवाह किए बिना हम आप लोगों का इलाज करते हैं। अभी कुछ समय पहले की ही बात है जब एक अदृश्य शत्रु कोरोना ने पूरे प्रदेश सहित देश भर में आतंक मचाया हुआ था, जब मानवता मर चुकी थी, जब अपने अपनों से दूरियां बना चुके थे तो उस समय भी अपनी जान को गिरवी रखकर हम लोगों ने आप लोगों की जान बचाने का काम किया, ध्यान रहे लाखों-करोड़ों की वैल्यू कोरोना के सामने बहुत कमजोर थी।

हमें कई बार कोरोना हुआ, हमारे कई साथी आप लोगों की सेवा करते करते शहीद हो गए, लेकिन फिर भी हमने अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा के साथ निभाया। हमारे परिवार में भी हमारे माता-पिता थे, हमारे बच्चे थे हमारे भाई बहन थे, जिस तरह आप लोग घरों में छुपकर बैठे हुए थे यदि हम चाहते तो हम भी घरों में मैं बैठ सकते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया क्योंकि यदि हम ऐसा करते तो पता नहीं कितने लोगों की जान चली जाती।

हम आपको बताना चाहते हैं कि राज्य सरकार उत्तराखंड द्वारा 12 दिसंबर 2020 को 2621 पदों पर स्टाफ नर्स की भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी की गई, जिसकी नियुक्ति आज तक नहीं हो पाई है। हम जानते हैं कि हमारे परिवारजनों ने कितने कष्ट सहकर हमें नर्सिंग का कोर्स कराया, इस उम्मीद के साथ कल हमारी नौकरी लगेगी हमारा भविष्य अच्छा होगा। जब कोरोना से संघर्ष पूरा देश कर रहा था उस समय यही सरकार ने हमसे पूरा सहयोग लिया, ताकि देश कोरोना वायरस से जीत पाए लेकिन आज 50 दिन से हम लगातार अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं, भूख हड़ताल पर बैठे हैं लेकिन राज्य सरकार ने अपनी आंखें बंद की हुई हैं ना सिर्फ राज्य सरकार बल्कि आम जनता ने भी हमसे मुंह मोड़ा हुआ है, आखिर ऐसा क्यों ? सवाल राज्य सरकार से है और आम जनता अब आपसे भी है।

जब आप लाचार होते हो तो हम याद आते हैं, हम काम आते हैं लेकिन आज जब आप लोगों की हमें जरूरत है, आपने क्यों मानवता खत्म की हुई है?
हम सभी लाचार नर्सेज आप सभी से निवेदन करते हैं कि कृपया हमारा सहयोग कीजिए, हमारा साथ दीजिए, राज्य सरकार तक हमारी आवाज पहुंचाएं
क्योंकि अस्पतालों में हमारी भर्तियां नहीं हुई तो आप लोगों को भी अच्छा इलाज कभी नहीं मिल पाएगा, यह लड़ाई सिर्फ हम नर्सेज की नहीं है, आप लोगों के स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार की भी है। आप लोगों को अच्छा इलाज मिल सके, इसकी भी है और आज भी इस संदेश को पढ़कर आप उत्तराखंड के नागरिक नहीं जगे तो कल ना सिर्फ हमारा भविष्य खराब है बल्कि प्रत्येक नागरिक का भविष्य खराब है क्योंकि एक उम्र के बाद इलाज के लिए हर किसी को अस्पताल जाना है। प्रदर्शन करने वालों में एलिंग वेलफेयर नर्सेज फाउंडेशन के अध्यक्ष बबलू, राजेश, खुशाल, भगवती प्रसाद, कार्तिक, मुकेश, सुषमा सेन, इंगिता, हिना, किरन, रजनी, तनुजा रहे।