अग्निपथ योजना वापस ले सरकार: कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने अग्निपथ योजना को लेकर सरकार पर हमला तेज करते हुए रविवार को कहा कि मोदी सरकार सेना में भर्ती की यह नयी योजना लाकर युवाओं के भविष्य के साथ खेल रही है और उसे ”तुगलकी” फरमान वापस लेना चाहिए। कांग्रेस के 20 वरिष्ठ नेताओं और प्रवक्ताओं ने कई शहरों में संवाददाता …

नई दिल्ली। कांग्रेस ने अग्निपथ योजना को लेकर सरकार पर हमला तेज करते हुए रविवार को कहा कि मोदी सरकार सेना में भर्ती की यह नयी योजना लाकर युवाओं के भविष्य के साथ खेल रही है और उसे ”तुगलकी” फरमान वापस लेना चाहिए। कांग्रेस के 20 वरिष्ठ नेताओं और प्रवक्ताओं ने कई शहरों में संवाददाता सम्मेलनों को संबोधित किया, जिसका शीर्षक ‘अग्निपथ की बात: युवाओं के साथ विश्वासघात’ था।

इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे और युवाओं के बीच असंतोष का हवाला देते हुए योजना को वापस लेने की मांग की। कांग्रेस ने कहा कि वह ”बिना विचार-विमर्श के थोपी गई”, ”युवा विरोधी व राष्ट्र विरोधी” योजना के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन करेगी। पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस युवाओं के साथ खड़ी है और इस ‘‘तुगलकी फैसले’’ को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।

गोहिल ने कहा, ऐसे समय में जब चीन हमारी सीमाओं में घुस आया है..यह (अग्निपथ योजना) राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने जैसी है। उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री से मांग करता हूं कि अग्निपथ योजना को वापस लिया जाए और भाजपा के जो भी मंत्री या प्रवक्ता कहते हैं कि अग्निपथ योजना अच्छी है, वे अपने बेटे-बेटियों को इस योजना के तहत भर्ती करवाएं।

गोहिल ने भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय की उस टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी मांगने के लिए कहा, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह अपने पार्टी कार्यालय में सुरक्षा नौकरियों के लिए ‘अग्निवीर’ को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा, जिस नेता ने कहा है कि भाजपा कार्यालयों में गार्ड के रूप में अग्निवीरों को नियुक्त किया जाएगा, उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए।

जयपुर में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, हरियाणा से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र पर हमला बोला और कहा कि सरकार ने नीतियों का मसौदा तैयार करने के लिए दूसरे देशों की नकल की। उन्होंने कहा, सरकार ने ‘नकलची बंदर’ का रवैया अपनाया है, लेकिन यह हिंदुस्तान है। कभी यह कृषि कानूनों के संदर्भ में अमेरिका का उदाहरण देती है, तो कभी सैन्य सेवा के संदर्भ में इजराइल की बात करती है।

गौरतलब है कि 14 जून को अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस योजना के तहत साढ़े 17 से 21 वर्ष के युवाओं को चार वर्ष के अनुबंध के आधार पर सेना में भर्ती किए जाने का प्रावधान है। चार वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद उनमें से 25 प्रतिशत को नियमित सेवा के लिए चुना जाएगा। वर्ष 2022 के लिए आवेदकों की ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी गई है।

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